EXIT 6 – ईरान का सबसे डरावना भूतहा शहर
🔥 स्वागत है आपका EXIT 6 की उस खौफनाक दुनिया में जहाँ मौत से भी गहरी कैद है...
ईरान के रेगिस्तान में बसा पारडीस शहर, जिसे कभी "पैराडाइस" कहा गया था, आज शैतानी आत्माओं का अड्डा बन चुका है।
---EXIT 6 – ईरान का सबसे डरावना भूतहा शहर
कहा जाता है—महल जैसी उस बिल्डिंग का EXIT 6 दरवाज़ा एक ऐसा रास्ता है जहाँ से लौटकर कोई नहीं आता।
जो भी इसे पार करता है… उसकी आत्मा हमेशा के लिए अंधेरे में कैद हो जाती है, और उसका शरीर बन जाता है शैतानों का खिलौना।
---EXIT 6 – ईरान का सबसे डरावना भूतहा शहर
💀 यह कहानी खून, चीखों और भयावह रहस्यों से भरी है।
हर पंक्ति आपके दिल की धड़कनें रोक देगी…
और हर दृश्य आपकी रूह तक को जमा देगा।
👉 अगर आपमें हिम्मत है तो इस खौफनाक सफ़र में कदम रखिए…
और अगर कहानी ने आपको डरा दिया हो तो
---EXIT 6 – ईरान का सबसे डरावना भूतहा शहर
✨ Like करें | 📢 Share करें | 🔔 Subscribe करना न भूलें…
क्योंकि असली डर तो अब शुरू हुआ है… EXIT 6 आपका इंतज़ार कर रहा है।
EXIT 6**
भाग – 1
तेहरान का रेगिस्तान, जहाँ तक नजर जाती थी बस धूल, टूटी-फूटी सड़कों पर हवा की सनसनाहट और वीरानी का बोझ। इस वीराने के बीच खड़ा था "पारडीस", जिसे कभी “पैराडाइस” कहा गया था—स्वर्ग बनाने का सपना। लेकिन अब? यह जगह मौत और सन्नाटे की बदबू से भरी पड़ी थी।
ऊँची-ऊँची इमारतें जो कभी लोगों की रौनक से चमकने वाली थीं, अब बेजान पत्थर की तरह खड़ी थीं। उनके काले खिड़की-दरवाज़े ऐसे लगते जैसे किसी दानव की आँखें, जो दूर से ही घूर रही हों। धूप इन इमारतों पर पड़ती तो उनकी परछाइयाँ रेगिस्तान में ऐसे फैलतीं, मानो कोई अदृश्य कफन बिछा हो।
लेकिन इस सबके बीच थी एक महल जैसी बिल्डिंग, बाकी सब इमारतों से ऊँची और डरावनी। उसके भीतर की गलियों में हमेशा अंधेरा पसरा रहता, चाहे दिन हो या रात। और उसकी सबसे खतरनाक बात?
उसके दरवाज़ों में से एक—EXIT 6।
कहा जाता था कि जो भी इस EXIT से बाहर निकलता, वो फिर कभी असल दुनिया में लौट नहीं पाता। उसकी सांस तो चलती रहती, लेकिन उसका शरीर मुर्दा हो जाता। और उस मुर्दे पर काबिज हो जाती शैतानी आत्माएँ।
लोगों के बीच अफवाहें फैल चुकी थीं। कई परिवार यहाँ रहने आए थे, लेकिन गायब हो गए। किसी को उनकी लाशें नहीं मिलीं। बस इतना पता चला कि रातों में महल जैसी उस बिल्डिंग से औरतों के चीखने की आवाज़ें आतीं, बच्चों की रुलाई गूंजती और फिर अचानक सब शांत हो जाता।
एक रात—रेगिस्तान में तूफ़ान उठा। धूल इतनी घनी हो गई कि सामने कुछ दिखना नामुमकिन था। उसी रात चार दोस्त—आरिया, मजीद, फरहाद और समिरा, शहर की इस वीरानी को देखने आए। वे सब एडवेंचरप्रेमी थे, भूत-प्रेत जैसी बातों पर हँसते थे।
"ये सब बकवास है," फरहाद ने महल जैसी बिल्डिंग को देखते हुए कहा। "Exit 6 की कहानी? हद है। लोग डर बनाने के लिए कुछ भी गढ़ लेते हैं।"
लेकिन तभी—हवा थम गई। सन्नाटा गहरा हो गया। दूर से आया एक कर्रर्रर्र… की आवाज़। चारों ने चौंककर देखा।
महल का दरवाज़ा अपने आप खुल रहा था।
अंधेरे के उस विशाल मुँह से ठंडी हवा निकली, जैसे किसी कब्र से सड़न बाहर आ रही हो। भीतर का अंधकार अजीब था—गाढ़ा, चिपचिपा और भारी।
"ये… ये ठीक नहीं है," समिरा की आवाज़ काँपी।
लेकिन बाकी तीनों ने हिम्मत दिखाई और भीतर कदम रख दिए।
महल के अंदर दीवारों पर उकेरी गई आकृतियाँ दिखीं—चेहरे। मगर वे चेहरे साधारण नहीं थे। उनकी आँखें लाल थीं और होंठ सिल दिए गए थे। जैसे ज़िंदा इंसानों को पत्थर में बदलकर यहाँ जड़ दिया गया हो।
वे सब धीरे-धीरे चलते गए। उनके कदमों की आवाज़ पूरे हॉल में गूँजती।
फिर अचानक मजीद रुक गया।
"देखो!" उसने इशारा किया।
सामने लिखा था—
EXIT 6 →
लाल रोशनी में चमकता हुआ तीर उस रास्ते की ओर इशारा कर रहा था।
आरिया हँसा। "तो यही है वो दरवाज़ा? चलो, देखते हैं किस चीज़ का इतना डर फैलाया हुआ है।"
लेकिन जैसे ही वे करीब पहुँचे, दीवारें काँपने लगीं। रोशनी टिमटिमाने लगी। और वहाँ खड़ा दरवाज़ा धीरे-धीरे खुलने लगा।
दरवाज़े के भीतर कोई जगह नहीं थी—बस गहरा अंधेरा।
और उसी अंधेरे से निकली एक आवाज़—
"तुम्हारा इंतज़ार बहुत दिनों से था…"
चारों के चेहरों का खून सूख गया।
अचानक समिरा चिल्लाई—उसने देखा कि दरवाज़े से बाहर आते ही उसकी परछाई दीवार पर जड़ गई।
लेकिन उसका शरीर वहीं खड़ा रहा, हिलता-डुलता।
फिर दरवाज़े से एक-एक कर काले हाथ बाहर निकले और उसके शरीर को पकड़ लिया।
समिरा की आँखें उलट गईं। उसकी साँसें चल रही थीं… लेकिन अब उसकी आत्मा कहीं और थी।
बाकी तीनों के पैरों तले ज़मीन खिसक गई। और तभी दरवाज़े से गूँजी वो हँसी, जो इंसानी नहीं थी—
"Exit 6 से बाहर जाने का मतलब है… हमेशा के लिए अँधेरे में कैद होना।"
चारों चीख पड़े। लेकिन अब उनकी रात शुरू हो चुकी थी—
वो रात, जब पारडीस का भुतहा शहर और भी खून पीने वाला था।
(भाग 1 समाप्त — भाग 2 में होगा खुलासा कि EXIT 6 असल में कहाँ ले जाता है और समिरा का शरीर किस शैतान के कब्ज़े में चला गया है…)
EXIT 6**
![]() |
भाग – 2
महल के भीतर गूंज रही थी वो हँसी, जो इंसान की नहीं थी। हवा में धुआँ घुल चुका था, जैसे किसी ने ज़मीन के नीचे नरक का दरवाज़ा खोल दिया हो। समिरा का शरीर वहीं खड़ा था, उसकी आँखें सफ़ेद हो चुकी थीं और होंठ ऐसे फड़फड़ा रहे थे जैसे कोई अजनबी ज़ुबान उससे बोल रही हो।
आरिया, मजीद और फरहाद पीछे हटे, लेकिन पीछे सिर्फ़ लंबा अंधेरा था। रास्ता बदल चुका था। दीवारें धीरे-धीरे सरककर उन्हें EXIT 6 के पास घेर रही थीं।
“हम फँस चुके हैं…” मजीद फुसफुसाया। उसके गले से आवाज़ सूखी और टूटी-सी निकली।
तभी समिरा का शरीर अचानक हिलने लगा। उसकी गर्दन अजीब तरह से पीछे की ओर मुड़ गई और रीढ़ की हड्डी से चटकने की आवाज़ आई। फिर उसके होंठों से आवाज़ निकली—
“तुम्हारी दुनिया अब ख़त्म हो चुकी है। Exit 6 ने तुम्हें देख लिया है।”
आरिया ने हिम्मत कर समिरा के पास जाने की कोशिश की, लेकिन जैसे ही उसने उसका हाथ पकड़ा, उसकी हथेली पर छाले उभर आए। मानो उसने उबलते तेल को छू लिया हो। आरिया चीखते हुए पीछे हट गया।
अतीत का रहस्य
महल की दीवारें अचानक लाल रोशनी से चमक उठीं। तीनों दोस्तों ने देखा कि दीवारों पर उभरे चेहरे हिलने लगे। उनमें से एक ने आँखें खोलकर कहा—
“ये शहर कभी जन्नत था… लेकिन एक समझौता हुआ था।”
फरहाद ने काँपते हुए पूछा, “कैसा समझौता?”
चेहरे ने फुसफुसाते हुए उत्तर दिया—
“रेगिस्तान के नीचे दबे दानवों से… इंसानों ने स्वर्ग बनाने की क़ीमत चुकाई थी। EXIT 6 उसी समझौते का दरवाज़ा है। जो भी इसे पार करता है, उसकी आत्मा दानवों को दे दी जाती है।”
इतना सुनते ही चेहरे मिट्टी में बदल गए और दीवार से झड़ गए।
समिरा का रूपांतरण
समिरा अब पूरी तरह बदल चुकी थी। उसकी सफ़ेद आँखों से काला धुआँ निकलने लगा। उसकी आवाज़ में कई परछाइयों की गूँज थी—
“यहाँ से कोई वापस नहीं जाता। तुम्हारे शरीर कब्रों की तरह सजाए जाएँगे और आत्माएँ हमारी सेना में शामिल होंगी।”
अचानक उसने अपनी उंगलियाँ फैलाकर दीवार की ओर इशारा किया।
दीवार पर दरार पड़ी और वहाँ से दर्जनों काले हाथ बाहर निकले। उन हाथों में नाखूनों की जगह लंबे लोहे के काँटे थे। वे हाथ आरिया और मजीद की ओर बढ़े।
आरिया चिल्लाते हुए भागा, लेकिन उसके पैरों के नीचे की फ़र्श गायब हो गई। वह सीधे नीचे गिर पड़ा। नीचे का गड्ढा किसी कुएँ जैसा था, मगर उसकी गहराई में उबलता हुआ खून भरा था। उसमें हड्डियाँ तैर रही थीं।
मजीद ने उसे पकड़ने की कोशिश की, लेकिन तभी एक हाथ ने उसकी गर्दन पकड़कर दीवार पर दे मारा। उसकी खोपड़ी से खून बह निकला।
फरहाद की खोज
फरहाद ने खुद को बचाने के लिए एक दरवाज़े से भागने की कोशिश की। वह एक लंबी सुरंग में पहुँच गया। सुरंग में हर दीवार पर लाल अक्षरों में लिखा था—
“EXIT 6 = DEATH”
लेकिन सुरंग के अंत में उसे कुछ मिला।
एक पुरानी किताब।
उस किताब में लिखा था कि “EXIT 6 की आत्माएँ केवल उसी को छोड़ सकती हैं जो अपनी जगह किसी और आत्मा की बलि चढ़ा दे।”
फरहाद ने कांपते हुए पन्ने पलटे। उसमें खून से लिखी एक चेतावनी थी—
“जिसने ये पढ़ लिया, उसे भी बलि देना होगी।”
अचानक फरहाद ने पीछे से कदमों की आवाज़ सुनी। वह पलटा—
आरिया खून से लथपथ लौट आया था। उसकी आँखें अब काली थीं।
“तू ही अगली बलि बनेगा…” आरिया ने गरजकर कहा।
शैतानी मंजर
सुरंग काँपने लगी। ऊपर की छत से खून टपकने लगा। आवाज़ें गूंज रही थीं—बच्चों की चीखें, औरतों की रुलाई, बूढ़ों की हँसी। यह सब इतना ज़ोरदार था कि फरहाद के कानों से खून बहने लगा।
अचानक चारों दोस्त (अब समिरा और आरिया शैतान बन चुके थे, मजीद अधमरा था) एक ही जगह इकट्ठे हो गए। EXIT 6 का दरवाज़ा उनके सामने खड़ा था, पूरी तरह खुला।
उस दरवाज़े से झाँक रही थी एक दूसरी दुनिया—
रेगिस्तान नहीं, बल्कि अंधेरी धरती।
आसमान में उल्टा चाँद लटका था, और ज़मीन पर हज़ारों मुर्दे बिना सिर के घूम रहे थे। उनकी आँखें पेट पर बनी थीं और उनकी चीखें हवा को चीर रही थीं।
समिरा और आरिया ने फरहाद को धकेलकर कहा—
“अब तेरी बारी है… या तो तू खुद कूद जा, या हम तुझे फेंक देंगे।”
फरहाद काँपते हुए पीछे हटा। उसके पैरों के नीचे हड्डियों की खड़खड़ाहट हो रही थी।
मजीद ने कराहते हुए सिर उठाया और कहा—
“मत… मत जाना… जिसने EXIT 6 पार किया… वो हमेशा के लिए कैद हो गया।”
लेकिन देर हो चुकी थी।
दरवाज़े से एक विशाल आकृति बाहर निकली—
लाल चमकती आँखें, काले सींग, और हज़ारों हाथ। उसकी गूँज ने पूरा महल हिला दिया।
“मैं हूँ… वह शैतान… जिसके लिए ये शहर बनाया गया था।”
फरहाद की चीख महल की दीवारों में गूँज गई।
EXIT 6 अब पूरी तरह खुल चुका था।
(भाग 2 समाप्त — भाग 3 में खुलासा होगा: क्या फरहाद किसी तरह बच पाएगा? EXIT 6 का असली शैतान कौन है और इस शहर का श्राप कब शुरू हुआ था? अगली कड़ी में होगा सबसे बड़ा और खून से लथपथ मंजर।)
🩸 Horror Lovers Support Message 🩸
☕ **अगर आपको मेरी डरावनी कहानियाँ पढ़कर मज़ा आता है, तो आप मुझे घर बैठे चाय पिला सकते हैं।**
हाँ, सच में! बस आपका छोटा-सा डोनेशन मेरी अगली हॉरर चाय की कीमत बन सकता है।
👻 और सुनिए…
अगर आप चाहें, तो मैं आपकी पहचान को अपनी अगली कहानी में हमेशा के लिए अमर कर दूँगा।
* आपका **नाम** मेरी कहानी का हिस्सा बनेगा।
* आपका **शहर, कस्बा या देश** किसी डरावनी जगह के रूप में मेरी हॉरर दुनिया में जुड़ सकता है।
* चाहे वो **एक रहस्यमयी किरदार**, **भूतिया गली**, या **अभिशप्त हवेली** के नाम पर ही क्यों न हो।
🎭 यानी आप सिर्फ मुझे सपोर्ट नहीं कर रहे,
बल्कि अपनी पहचान को मेरी कहानियों की **अंधेरी दुनिया में ज़िंदा रख रहे हैं।**
तो…
👉 मुझे चाय पिलाइए,
👉 और अपनी **परछाई** मेरी अगली हॉरर कहानी में देखिए।
नोट्स - 🌑 क्या आपके साथ कभी कोई ऐसी डरावनी या रहस्यमयी घटना घटी है, जिसे आप आज तक भूल नहीं पाए?
या शायद आपके किसी दोस्त, रिश्तेदार या परिवार के सदस्य ने ऐसा खौफनाक अनुभव झेला हो?
🔥 अगर हाँ, तो आप अपनी कहानी हमारे साथ साझा कर सकते हैं।
हमारा मक़सद है – उन सच्ची घटनाओं को दुनिया के सामने लाना, ताकि लोग उन्हें पढ़ें, महसूस करें और सच्चाई से रूबरू हो सकें।
✍️ आपकी भेजी गई कहानी न सिर्फ़ प्रकाशित होगी, बल्कि आपके नाम के साथ साझा भी की जाएगी (अगर आप चाहें तो गुप्त भी रह सकते हैं)।
क्योंकि हर कहानी, हर अनुभव मायने रखता है – और हो सकता है आपकी कहानी किसी और की आँखें खोल दे।
Contact me
reaxaccer58@gmail.com
reaxaccer1999@gmail.com
Top 🔝 10 other most Horror story
4- द ब्लैक फोन 2.0 - वो शैतानी फोन जो मौत को बुलाता है!
5- श्रापित पुस्तकालय – एक डरावना रहस्य!
9- आख़िरी रात... शिकार से पहले
10- ब्राइटक्लिफ का अँधेरा समझौता
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें