https://horrorstory1600.blogspot.com Horror story 1600ad: Draugr: नॉर्स (वाइकिंग) भूत की डरावनी कहानी | Draugr Ghost Story in Hindi

सोमवार, 29 सितंबर 2025

Draugr: नॉर्स (वाइकिंग) भूत की डरावनी कहानी | Draugr Ghost Story in Hindi

Draugr: नॉर्स (वाइकिंग) भूत की डरावनी कहानी | Draugr Ghost Story in Hindi

📖 **Draugr – नॉर्स (वाइकिंग) भूत की डरावनी कहानी | Draugr Ghost Story in Hindi/English**  

क्या आपने कभी 8वीं सदी के नॉर्स (वाइकिंग) योद्धा की शापित आत्मा के बारे में सुना है?  
Draugr एक ऐसा भूत है जो मृत योद्धाओं की लाशों से उत्पन्न होता है, जो सड़ते नहीं और रात में ज़िंदा लोगों पर हमला करता है।  
इस कहानी में पढ़िए:

🩸 गाँव हेरफ्ज़ोर्ड के निवासियों की दहशत  
🩸 आर्नब्योर्न नामक निर्दयी योद्धा का कब्र से जागना  
🩸 ड्राउग्र के खौफनाक हमले और उसके नीली आग जैसी आँखें  
🩸 वीर योद्धाओं की शपथ और उनका भयंकर युद्ध  
🩸 खून से भीगी बर्फ़ और आग से छिड़ी लड़ाई  

अगर आपको डरावनी और रहस्यमयी कहानियाँ पसंद हैं, तो इस वीडियो/ब्लॉग को **Like करें, Share करें और हमारे चैनल/ब्लॉग को Subscribe करें** ताकि आपको हर नई डरावनी कहानी तुरंत मिल सके।  

**#Draugr #VikingGhost #NorseGhost #HorrorStoryHindi #DraugrStory #ScaryStory #VikingLegend #BarrowCurse #GhostStory #NorseHorror #Haunted #HorrorTales #DarkStory #MysteryStory #CreepyStory #ParanormalStory #HorrorLovers**

🔥 **Disclaimer:** यह कहानी पुरानी नॉर्स किंवदंतियों और लोककथाओं पर आधारित है। किसी वास्तविक व्यक्ति या घटना से इसका कोई संबंध नहीं है।  

आपकी प्रतिक्रियाएँ और कमेंट्स हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं। नीचे अपने विचार साझा करें और बताएं कि आप अगली डरावनी कहानी कौनसी पसंद करेंगे!  



ड्राउग्र (Draugr) – नॉर्स (वाइकिंग) भूत
https://horrorstory1600.blogspot.com

भाग 1 – कब्र का शाप

8वीं सदी का समय था। उत्तरी समुद्र की ठंडी हवाओं में नॉर्स योद्धाओं की कहानियाँ गूँजती थीं। बर्फ़ से ढकी घाटियों, पत्थरों पर बने प्राचीन रूनों और गहरे काले जंगलों में लोग एक ही नाम से काँपते थे—ड्राउग्र

कहानी की शुरुआत

नॉर्वे के एक छोटे से गाँव हेरफ्ज़ोर्ड में लोग समुद्र की ओर पीठ करके रहते थे। गाँव में लकड़ी के लम्बे घर, घोड़े बंधे अस्तबल और आग की रोशनी में बैठकर कहानियाँ सुनाते बुजुर्ग – यह सब वाइकिंग जीवन का हिस्सा था। लेकिन इस गाँव में एक डरावना रहस्य छिपा था।

गाँव के बाहर, पहाड़ी की चोटी पर एक कब्र का टीला (Barrow) था। कहते थे कि वहाँ आर्नब्योर्न नामक भयानक योद्धा को दफनाया गया था। वह गाँव का सबसे निर्दयी वाइकिंग था, जिसने अपने ही खून से अपने हाथ लाल किए थे। युद्ध में वह अजेय था, लेकिन लोगों को डर था कि उसकी आत्मा मौत के बाद भी चैन से नहीं बैठेगी।

इसलिए जब उसकी मौत हुई, गाँववालों ने उसका शव साधारण तरीके से नहीं दफनाया। उन्होंने उसकी छाती में लोहे की कीलें ठोंक दीं, और हाथ-पाँव बाँधकर मिट्टी में गाड़ दिया। जलाने की हिम्मत किसी ने नहीं की, क्योंकि मान्यता थी कि उसकी आत्मा आग से और भी प्रचंड हो जाएगी।

पहली रात

मौत के तीसरे दिन गाँव की एक लड़की इंगरिड ने अपनी माँ से कहा—
“माँ, मैंने पहाड़ी पर एक छाया चलते देखी... वह बहुत बड़ी थी, जैसे किसी योद्धा का शरीर।”

माँ ने डाँटकर कहा, “चुप रहो बच्ची। रात के समय बाहर की ओर देखना अपशकुन होता है।”
लेकिन सच यही था कि उस रात कई लोगों ने खेतों में भारी कदमों की आवाज़ सुनी थी। बर्फ़ पर ऐसे निशान थे मानो कोई भारी शरीर घिसटकर चला हो।

ड्राउग्र का जागना

धीरे-धीरे बातें फैलने लगीं। गाँव के बूढ़े योद्धा एरिक द ग्रे ने बताया कि यह जरूर ड्राउग्र है—
“ड्राउग्र वही मृत योद्धा होते हैं जिनकी लाशें सड़ती नहीं... वे रात में बाहर निकलकर ज़िंदा लोगों पर हमला करते हैं। वे इतना भारी होते हैं कि उनके नीचे दबकर हड्डियाँ टूट जाती हैं। और अगर उनकी नज़र किसी पर पड़ जाए तो वह व्यक्ति बीमार पड़कर मर जाता है।”

लोगों ने यह बात मान ली, क्योंकि कब्र से निकलती सड़ी हुई मांस और लोहे की गंध कई बार रात को हवा में महसूस होती थी।

खूनी मंजर

एक रात ओलाफ नाम का गड़रिया अपनी भेड़ों को संभाल रहा था। सुबह जब लोग वहाँ पहुँचे तो उन्होंने भेड़ों को बिखरा पाया, और ओलाफ का शव खेत में पड़ा था। उसकी छाती चटकी हुई थी, हड्डियाँ ऐसे टूटी थीं मानो किसी ने उसे पैरों तले कुचल दिया हो।

उसके चेहरे पर मौत का भय जड़ा हुआ था—आँखें फटी हुईं, मुँह खुला।
लोग समझ गए कि यह काम इंसान का नहीं, ड्राउग्र का है।

गाँव में दहशत

गाँववाले हर रात अपने घरों को लकड़ी और पत्थरों से बंद करने लगे। आग के चारों ओर बैठकर वे पुरानी गाथाएँ गाते ताकि आत्मा पास न आए। लेकिन ड्राउग्र की छाया और भी फैल रही थी।
कभी कोई आदमी खेत से गायब हो जाता, कभी अस्तबल से घोड़े मरे मिलते।

लोगों ने कहा—
“वह सिर्फ बाहर नहीं आता... कभी-कभी वह घरों की छत पर चढ़कर रातभर घोड़ों पर सवारी करता है। सुबह घोड़े थककर मर जाते हैं। और अगर वह इंसान की छाती पर बैठ जाए तो उसकी पसलियाँ चकनाचूर हो जाती हैं।”

गाँव के योद्धाओं की शपथ

डर अब असहनीय हो चुका था। गाँव के योद्धाओं ने एक बैठक बुलाई।
एरिक द ग्रे ने कहा—
“हमें उसे रोकना होगा। अगर आर्नब्योर्न सचमुच ड्राउग्र बन चुका है, तो उसे जलाना ही होगा। लोहे, आग और रूनों के बिना उसकी आत्मा नहीं रुकेगी।”

लेकिन यह आसान नहीं था।
कब्र का टीला बर्फ़ीली हवाओं और रहस्यमयी छायाओं से घिरा था। रात के समय वहाँ जाने की हिम्मत किसी की नहीं थी।

फिर भी चार बहादुर योद्धा तैयार हुए। उन्होंने अपनी तलवारों को रूनों से सजाया, लोहे की कीलें और मशालें साथ लीं। और कसम खाई—
“अगर हम लौटे, तो गाँव सुरक्षित रहेगा। अगर नहीं लौटे... तो हमारे शवों को कभी मत दफनाना, हमें जला देना।”

पहाड़ पर पहला कदम
https://horrorstory1600.blogspot.com

उस रात चाँद लाल था। बर्फ़ पर चलते योद्धाओं की साँसें भाप बनकर हवा में फैल रही थीं। कब्र के टीले के पास पहुँचते ही उन्हें मिट्टी हिलती हुई दिखी।
और तभी...

मिट्टी से एक विशाल काला हाथ निकला—फूला हुआ, सड़ा हुआ, पर बेहद ताकतवर।
वह ड्राउग्र था। उसकी आँखें नीली आग की तरह चमक रही थीं, और शरीर पर अब भी टूटी हुई कवच के टुकड़े थे। लोहे की कीलें उसकी छाती से बाहर निकली हुई थीं, पर वे उसे रोक नहीं पाई थीं।

उसकी गरजती आवाज़ रात की खामोशी चीर गई—
“मैं आर्नब्योर्न हूँ... मौत ने मुझे नहीं हराया। अब तुम सब मेरे शिकार हो...”

चारों योद्धाओं ने अपनी तलवारें निकालीं। मशालों की लौ काँप रही थी।
गाँव का भाग्य अब इसी युद्ध पर निर्भर था।


📖 भाग 1 समाप्त

👉 भाग 2 में मैं लिखूँगा कि योद्धाओं और ड्राउग्र की भयानक लड़ाई कैसे हुई, किस तरह उसने गाँव पर हमला किया, और क्या उसे रोका जा सका या वह और भी प्रचंड होकर लौट आया।



ड्राउग्र (Draugr) – नॉर्स (वाइकिंग) भूत

भाग 2 – खून से भीगी बर्फ़

कब्र का द्वार खुला

चारों योद्धा मशालों की रोशनी में उस डरावनी छाया के सामने खड़े थे।
ड्राउग्र की नीली ज्वालामुखी जैसी आँखें बर्फ़ पर पड़ रही थीं और हवा बर्फ़ से भी ज्यादा ठंडी लग रही थी।
उसका शरीर इतना भारी था कि ज़मीन काँपने लगी।

एरिक द ग्रे ने दहाड़कर कहा—
“आर्नब्योर्न! तूने गाँव को आतंकित किया है। आज तुझे हमेशा के लिए जलाया जाएगा।”

लेकिन ड्राउग्र की हँसी बर्फ़ तोड़ती हुई गूँजी—
“मैं मर चुका हूँ... और अब मौत मेरा हिस्सा है। तुम्हारी तलवारें मुझे नहीं मार सकतीं।”

पहला हमला

ड्राउग्र ने अचानक छलाँग लगाई। उसका हाथ इतना बड़ा और भारी था कि उसने एक योद्धा सिगर्ड को हवा में उठा लिया।
उसकी हड्डियाँ चीख़ के साथ टूटने लगीं। बाकी योद्धा देख ही रहे थे कि सिगर्ड की छाती चकनाचूर हो गई और उसका शरीर बर्फ़ पर गिर पड़ा।

खून ने सफेद बर्फ़ को लाल कर दिया।
बाकी तीन योद्धा काँप गए, लेकिन पीछे हटे नहीं।

लोहा और आग

एरिक ने मशाल आगे बढ़ाई और दूसरे योद्धा ब्योर्न ने अपनी तलवार से हमला किया।
ड्राउग्र की त्वचा पर लोहे की चमकती धार लगी तो ऐसा लगा मानो पत्थर पर चोट की हो।
लेकिन जब तलवार पर रून का निशान चमका, ड्राउग्र पीछे हटा और उसकी कराह से पूरी पहाड़ी गूँज उठी।

एरिक चिल्लाया—
“रून काम कर रहे हैं! इसे आग और लोहे से ही हराया जा सकता है।”

रात का युद्ध

तीनों ने एक साथ हमला किया। मशालें जल रही थीं, तलवारें चमक रही थीं।
ड्राउग्र कभी किसी को पकड़कर फेंकता, कभी बर्फ़ में गाड़ देता। उसकी ताकत इंसानों से कई गुना थी।

फिर भी हर चोट, हर जलते लोहे की नोक उसे कमजोर कर रही थी।
उसके शरीर से सड़ी मांस की गंध उठ रही थी, और नीली आग जैसी आँखें बार-बार धुंधली हो रही थीं।

गाँव पर हमला

इसी बीच, गाँव में चीख़ें गूँज उठीं।
लोगों ने देखा कि ड्राउग्र ने अपनी छाया गाँव तक फैला दी थी।
कई घरों की छतें हिल रही थीं। घोड़े पागल होकर भाग रहे थे। बच्चे माँओं की गोद में काँप रहे थे।

एक महिला चिल्लाई—
“वह हमारे घरों तक पहुँच गया है! अगर योद्धा असफल हुए तो हम सब मर जाएँगे।”

बलिदान
https://horrorstory1600.blogspot.com

युद्ध लंबा चलता रहा। ब्योर्न ने ड्राउग्र की छाती में लोहे की भाला घोंपा। वह दहाड़ा और उसकी नीली आँखें जलती हुई आग की तरह चमक उठीं।
लेकिन उस वार से ड्राउग्र और भी क्रोधित हो गया। उसने ब्योर्न को पकड़कर उसकी गर्दन मरोड़ दी।

अब सिर्फ दो योद्धा बचे थे—एरिक और ह्रॉल्फ़
ह्रॉल्फ़ ने एरिक की ओर देखा और कहा—
“अगर यह वापस गाँव पहुँचा तो कोई नहीं बचेगा। मैं इसे रोकूँगा... तुम आग जलाओ।”

ह्रॉल्फ़ ने अपनी तलवार ड्राउग्र के गले में घोंपी और खुद को उसकी बाँहों में फँसा लिया।
ड्राउग्र ने गुस्से में ह्रॉल्फ़ को दबोच लिया, लेकिन इसी बीच एरिक ने मशालें और सूखी लकड़ी से चारों ओर आग जला दी।

जलती हुई रात

ड्राउग्र चीखा, उसकी आवाज़ पहाड़ों से टकराकर गूँज उठी।
उसके सड़े हुए शरीर पर आग फैल गई। नीली आँखें अब धुएँ में डूब गईं।
ह्रॉल्फ़ की चीख़ और ड्राउग्र की दहाड़ एक साथ बर्फ़ में खो गईं।

कुछ देर में वहाँ सिर्फ राख, जलते हुए हड्डियों की गंध और खामोशी बची थी।

गाँव की राहत

एरिक अकेला बचा था। वह गाँव लौटा तो लोग उसके चारों ओर जमा हो गए।
“क्या वह खत्म हो गया?” एक बच्चे ने डरते हुए पूछा।

एरिक ने भारी साँसों के बीच कहा—
“उसका शरीर जल गया... लेकिन उसकी आत्मा? शायद अब भी इस बर्फ़ीली धरती में भटक रही हो।”

गाँववालों ने उसके साथ आग की राख को पहाड़ी से नीचे बहा दिया।
लेकिन उस राख के उड़ते धुएँ में कुछ लोग कसम खाते थे कि उन्होंने अब भी नीली चमकती आँखें देखी थीं।


भाग 2 समाप्त
https://horrorstory1600.blogspot.com

👉 लेकिन कहानी अभी खत्म नहीं होती।
ड्राउग्र की आत्मा नॉर्स धरती से बंधी रहती है। अगला हिस्सा और भी रहस्यमयी और खौफनाक होगा — जहाँ यह आत्मा नए शवों में प्रवेश कर सकती है, और गाँववालों को एक नई त्रासदी का सामना करना पड़ेगा।


Horror Lover के लिए जरूरी सूचना


अगर आप हमारी कहानियों का हिस्सा बनना चाहते हैं और हमारे साथ चाय की चुस्की लेते हुए आनंद लेना चाहते हैं, तो आज ही अपना नाम और नंबर नीचे दिए गए पते पर भेजें।


Contact me 

reaxaccer58@gmail.com

reaxaccer1999@gmail.com


यदि आप हमारी कहानियों को पसंद करते हैं, तो आपका छोटा सा योगदान भी हमारे लिए अनमोल होगा।


इसे स्कैन करें: [QR कोड/लिंक]


Top 🔝 10 other most HorroR story 


1- द बेलमी हंटेड मिरर: नर्क का दरवाजा**  



2- द फ्लाइंग डचमैन: एक रहस्यमयी समुद्री भूतिया कहानी**  



3- द हंटेड लिफ्ट (भूतिया लिफ्ट)**  



4- ला लोरोना की कहानी: एक विस्तृत और गहन विवरण**  



5- फ्लोरिडा स्कंक एप: एक रहस्यमयी और डरावनी कथा**  



6-  द स्क्रीमिंग स्कल (चिल्लाती खोपड़ी): एक गहन विवेचन



7- द ब्लैक डॉग ऑफ बंगे (बंगे का काला कुत्ता)**  



8- मुंबई का भूतिया सिनेमा हॉल: एक रहस्यमयी यात्रा



8- टॉवर का शाप: एनी बोलिन की अधूरी आत्मा



9- द बैकरूम्स: एक डरावनी कहानी



10- स्लेंडर मैन: अदृश्य आतंक"**



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Draugr: नॉर्स (वाइकिंग) भूत की डरावनी कहानी | Draugr Ghost Story in Hindi

Draugr : नॉर्स (वाइकिंग) भूत की डरावनी कहानी | Draugr Ghost Story in Hindi 📖 **Draugr – नॉर्स (वाइकिंग) भूत की डरावनी कहानी | Draugr Ghost ...