किशी (पीठ के पीछे मौत)
📖 KISHI – The Two-Faced Demon of Angola
🔥 क्या आप किसी अजनबी की मुस्कान पर भरोसा करेंगे?
अगर उसका चेहरा किसी राजा जैसा सुंदर हो… उसकी आवाज़ मोहक हो… और उसकी नज़रें आपके दिल की धड़कन बढ़ा दें…
लेकिन क्या होगा अगर उस खूबसूरत चेहरे के पीछे… एक खून से सना हाइना का मुँह छिपा हो?
किशी (पीठ के पीछे मौत)
🩸 किशी कौन है?
किशी अफ्रीकी लोककथाओं का सबसे भयानक शिकारी है।
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आगे से एक खूबसूरत आदमी – आकर्षक, मधुर आवाज़ वाला, जिसे देखकर हर स्त्री मोहित हो जाए।
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पीछे से हाइना का डरावना चेहरा – नुकीले दाँत, खून की गंध, और इतनी ताकत कि उसकी पहली बाइट ही मौत देती है।
यह 600 सालों से भी ज़्यादा समय से ज़मीन पर है, और हमेशा वही करता है – महिलाओं को प्रेम में फँसाना, शादी करना, और फिर अकेले में उनका मांस खा जाना।
किशी (पीठ के पीछे मौत)
🕯️ यह कैसे बनता है?
पुरानी किताबों में लिखा है –
जब किसी स्त्री की आत्मा अपमान, बलात्कार या अधूरी मौत से मरती है… और उसका खून हाइना के खून से मिल जाता है… तब जन्म लेता है किशी—
एक ऐसा दानव जिसे भूख, खूबसूरती और धोखा ही ज़िंदगी देते हैं।
किशी (पीठ के पीछे मौत)
🩸 यह कैसा दिखता है?
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सामने – लंबे बालों वाला, सुंदर, मोहक और करिश्माई युवक।
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पीछे – बालों में छिपा हाइना का मुँह, जो मुस्कुराते ही आपकी रूह जमा दे।
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इसकी आँखों में सम्मोहन की ताकत है – जिससे महिलाएँ बच नहीं पातीं।
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इसका पहला काटना हमेशा जानलेवा होता है।
किशी (पीठ के पीछे मौत)
🕳️ इससे जुड़ी कहानियाँ क्यों डरावनी हैं?
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अंगोला के किसोंदो गाँव की महिलाएँ एक-एक करके गायब हो गईं।
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कुछ बचीं… पर हमेशा के लिए पागल हो गईं।
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उनकी चीखें, उनकी बातें – "उसने मुझे खा लिया… फिर वापस फेंक दिया…" – आज भी सुनी जाती हैं।
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जिन लोगों ने इसकी पीठ देखने की कोशिश की… वे आँखों से, पीठ के मांस से वंचित होकर लाश बन गए।
किशी (पीठ के पीछे मौत)
🔥 किशी की खतरनाक बातें
✅ यह सुंदरता का जाल बिछाता है।
✅ यह शादी कर सकता है… लेकिन शादी के बाद पत्नी को खा जाता है।
✅ इसकी पीढ़ी चलती रहती है – इसके बच्चों के पीछे भी मुँह होता है।
✅ इसे रोकने के लिए केवल आग या हथियार ही काफी हैं, लेकिन इसे मारना लगभग असंभव है।
किशी (पीठ के पीछे मौत)
🩸 क्यों पढ़ें यह कहानी?
यह कहानी सिर्फ डराती नहीं… बल्कि दिखाती है कि खूबसूरती के पीछे कभी-कभी मौत छुपी होती है।
किशी की दहशत, उसका धोखा, उसकी भूख – सब कुछ इतना खौफनाक है कि पढ़ते हुए भी दिल की धड़कन तेज़ हो जाती है।
किशी (पीठ के पीछे मौत)
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कहानी शीर्षक:
KISHI
(सामने से सुंदर आदमी… पीछे से पाँचुना हाइना…)
🩸 भाग 1: शिकारी की मुस्कान
कब: वर्ष 1789, अंगोला के उत्तर में स्थित किसोंदो गाँव
कहाँ: ज़मीन की सबसे पुरानी श्रापित भूमि, जिसे लोग "म्बोलो" कहते थे।
🔥 प्रस्तावना
"वो बहुत सुंदर था… इतना सुंदर कि मेरी बहन ने पहली बार किसी अजनबी को देख कर कहा – 'माँ, ये इंसान नहीं… सपना है…'
लेकिन माँ ने कहा था – ‘जिसके चेहरे पर जादू हो, उसकी पीठ मत देखना।’
और माँ सही थी।"
🕯️ अध्याय 1: आदमी जो हमेशा शाम को आता था
अंगोला के किसोंदो गाँव में जब भी धूप ढलने लगती, एक युवक गाँव में प्रवेश करता। लंबे बाल, तीखी मुस्कान, मखमली आवाज़—हर लड़की की नज़र उसी पर होती।
नाम बताया—“लोकेला”।
वो एक गायक था, एक व्यापारी भी। हर स्त्री पर मोहित, पर कभी अश्लील नहीं।
लेकिन उसके आने के साथ ही गाँव में कुछ बदलने लगा।
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बकरियाँ रातों को ग़ायब हो जातीं।
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कुएँ से लाल पानी निकलता।
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और तीन हफ्तों में पाँच युवतियाँ लापता हो गईं।
🩸 अध्याय 2: छुपी हुई पीठ
लोकेला की पीठ किसी ने कभी नहीं देखी।
जब एक साहसी बच्चा उसे पीछे से छूने गया, वह ज़ोर से चीखा और उसे दूर धकेल दिया।
अगले दिन वह बच्चा लापता हो गया।
उसके चिथड़े अगले सप्ताह नदी किनारे मिले… किसी जानवर ने उसे आधा खा लिया था।
🕳️ अध्याय 3: पुरानी किताब
गाँव के पुजारी मुकोनजी ने अपनी दादी की "किताबें जो जली नहीं" नामक ग्रंथ से एक अध्याय पढ़ा:
“जब कोई चेहरा बेहद सुंदर लगे, पर पीठ छुपाई जाए, समझ लेना वह किशी है। सामने इंसान, पीछे हाइना। वह स्त्रियों को प्रेम में फँसाता है और फिर अकेले में खा जाता है। इसकी पहली बाइट मृत्यु देती है। यह माकिशी आत्मा से उत्पन्न होता है—श्रापित भूख से ग्रस्त आत्मा जो केवल स्त्रियों के हृदय का स्वाद जानती है।”
🔥 अध्याय 4: मौत की शादी
लोकेला ने गाँव की सबसे सुंदर लड़की नयेला को शादी के लिए चुना।
शादी की रात, नयेला की माँ ने देखा कि लोकेला अपने बालों में कुछ छुपा रहा था।
अगली सुबह नयेला नहीं थी।
उसकी माँ पागल हो गई—पूरे गाँव में नंगी दौड़ती रही, बार-बार कहती –
"उसके सिर के पीछे भी एक मुँह था… वो मुँह… हाइना का था… उसने मेरी बेटी को खा लिया…"
🕯️ अध्याय 5: शिकारी का जाल
सिर्फ महिलाएँ गायब हो रही थीं। जो बचतीं, वे पागल हो जातीं। एक लड़की केलू ने बताया:
“उसने मुझे छूआ… जैसे शरीर में आग लगी हो… फिर उसने कहा – ‘तुम मेरी हो…’
मैं डर के मारे भागी… तभी मैंने देखा… उसके बाल हटे…
और पीछे का मुँह…
वो मुँह हँस रहा था… हाइना की हँसी…”
उसके बाद केलू बोल नहीं पाई। बस दीवारों पर हाइना की तस्वीरें बनाती रही।
🧠 भाग 1 का अंतिम मोड़:
मुकोनजी ने एक रात उसका पीछा किया।
एक गुफा में घुसते ही उसने देखा:
“लोकेला नहीं था वहाँ… सिर्फ एक जानवर था… इंसानी कपड़ों में एक पाँचुना हाइना… खून से सना मुँह… और मांस चबा रही ज़बान।”
🔴 भाग 2: हाइना की पीठ से आनेवाली मौत
🩸 अध्याय 6: किशी का जन्म
किताबों में दर्ज कथा:
"माकिशी एक श्रापित आत्मा है—जिसका जन्म क्रूर हाइना और एक स्त्री की आत्मा के संयोग से हुआ। ये आत्मा नर्क में प्रवेश नहीं कर सकी और ज़मीन पर ही रह गई।"
"जब किसी स्त्री की आत्मा अपमान, बलात्कार या अधूरी मृत्यु से मरी हो और एक हाइना का खून मिले, तो किशी बनता है।"
तब से, 600 वर्ष से अधिक समय से ये आत्मा ज़मीन पर घूम रही है।
🔥 अध्याय 7: पीड़ितों की चीख़ें
🩸 आपबीती 1: केलू की बहन
“लोकेला ने मेरी बहन को प्रेम में फँसाया। तीन दिन बाद वो लौटी… लेकिन उसकी पीठ पर पंजे के निशान थे… उसकी आवाज़ नहीं निकलती थी… हर रात वो चिल्लाती थी – ‘उसने मुझे खा लिया… फिर वापस फेंक दिया…’”
🩸 आपबीती 2: मुकोनजी का पुत्र
"मेरे बेटे ने किशी को देखने की जिद की…
अगले दिन उसकी आँखें गायब थीं…
उसके शव की पीठ का मांस पूरी तरह चबा गया था।"
🕯️ अध्याय 8: किशी का प्रकोप
मुकोनजी ने गाँव वालों को इकट्ठा किया।
उन्होंने किशी की गुफा को आग में जलाने का निर्णय लिया।
पर जब वे पहुँचे…
वह वहाँ नहीं था।
बल्कि पूरा गाँव पहले ही खाली था…
दरवाज़े टूटे हुए… घरों में खून के निशान… और दीवारों पर एक शब्द…
"KISHI… KISHI… KISHI…"
🕳️ अंतिम अध्याय: वापसी
साल 2025, दक्षिण अंगोला।
एक महिला ने पुलिस को रिपोर्ट किया कि उसका पति, जिसकी वह ऑनलाइन डेटिंग ऐप पर मिली थी, कभी भी अपनी पीठ नहीं दिखाता।
पुलिस ने जब उसकी तलाश की…
उसके घर की दीवारों पर हड्डियों से बनी आकृतियाँ थीं…
और एक शिशु—पीछे की ओर मुँह लिए—जिंदा बैठा था।
🩸 अंतिम वाक्य:
"किशी कोई प्राणी नहीं… वह भूख है… प्यार की आड़ में छुपा नरसंहार।
और जब तुम किसी अजनबी की मुस्कान पर मोहित हो जाओ… उसकी पीठ ज़रूर देखना…
क्योंकि हो सकता है, वो इंसान न हो…
वो हो… KISHI."
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