https://horrorstory1600.blogspot.com Horror story 1600ad: 16th Century : शैतानों की अदालत

शनिवार, 20 सितंबर 2025

16th Century : शैतानों की अदालत

 

16th Century : शैतानों की अदालत


💀 16वीं सदी की सबसे डरावनी और रहस्यमयी कहानी — “शैतानों की अदालत” 💀

क्या आप तैयार हैं उस अंधेरी दुनिया में कदम रखने के लिए, जहाँ चुड़ैलें रात को उड़ती हैं, पुरुषों की शक्ति चुराती हैं और गाँवों में आतंक मचाती हैं?
Malleus Maleficarum की भयावह किताब ने हजारों महिलाओं की जान ली और यूरोप के गाँवों में डर का साम्राज्य स्थापित किया।

इस डरावनी कहानी में जानिए:
🔥 मार्था कोह्लर का दहशत भरा अंत
🔥 रात की उड़ान और शैतानी पलों की सच्ची घटनाएँ
🔥 शक्ति की चोरी और मौसम का आतंक

अगर आप डर के इस सफर में हमारे साथ रहना चाहते हैं, तो:
👍 Like करें
🔁 Share करें
🔔 और Subscribe करें — ताकि आप कभी भी इस डरावनी दुनिया से पीछे न रहें।



16th Century : शैतानों की अदालत

भाग 1 : "मंत्रविद्या का कानून"
https://horrorstory1600.blogspot.com

साल 1487, जर्मनी।
चर्च की अँधेरी गलियों में एक किताब गुप्त रूप से लिखी जा रही थी—
उसका नाम था Malleus Maleficarum (लैटिन में अर्थ: चुड़ैलों का हथौड़ा)।

इस किताब में लिखा गया:

"औरतें स्वभाव से कमजोर हैं। वे शैतान के बहकावे में जल्दी आती हैं।
चुड़ैलें शैतान से समझौता करती हैं, और वह उन्हें शक्ति देता है—
बदले में वे उसकी पूजा करती हैं, मासूम बच्चों का बलिदान करती हैं, और ईश्वर के चर्च का अपमान करती हैं।"

यह किताब यूरोप में फैल गई।
गाँव-गाँव, शहर-शहर इसका असर छाने लगा।
लोग मानने लगे कि हर बीमारी, हर अकाल, हर बुरी घटना के पीछे कोई चुड़ैल है।


ब्रामबर्ग गाँव, जर्मनी – 1512

गाँव के बीचोंबीच एक चर्च था।
उस चर्च के पादरी ने किताब हाथ में उठाई और गाँव वालों से कहा:

"हमारे बीच चुड़ैलें छिपी हैं। ये किताब बताती है कि उन्हें कैसे पहचानना है—
अगर कोई औरत अकेली रहती है, जड़ी-बूटियों से इलाज करती है, रात को बाहर जाती है,
या उसे देखकर दूध जम न पाए—तो समझ लो वह चुड़ैल है।"

गाँव वाले सहम गए।
हर औरत शक के घेरे में आ गई।
उनमें से एक थी—मार्था कोह्लर, विधवा, जो बीमार बच्चों का इलाज करती थी।


आरोप

जब गाँव में अकाल पड़ा और कई बच्चे मर गए, तो उँगली सबसे पहले उसी पर उठी।
लोगों ने कहा:

  • "मार्था रात को जंगल जाती है।"

  • "उसकी नज़र से दूध फट जाता है।"

  • "उसने हमारे बच्चों पर जादू किया।"

पादरी ने किताब खोली और जोर से पढ़ा:
"जो औरत लोगों का भरोसा जीतने के लिए जड़ी-बूटियाँ देती है, वह असली चुड़ैल है।
शैतान उसे शक्ति देता है, ताकि वह लोगों को भ्रमित कर सके।"

बस—इतना काफी था।
मार्था को चर्च के तहखाने में कैद कर लिया गया।


यातना

किताब में साफ लिखा था कि चुड़ैल को कबूल करवाने के लिए
यातना देना ईश्वर की सेवा है।

मार्था को लोहे की कुर्सी पर बैठाया गया, जिसमें हज़ारों कीलें निकली हुई थीं।
उसके शरीर से खून बहने लगा।
फिर उसके हाथ-पाँव बाँधकर उसे खौलते पानी में डुबोया गया।

पादरी पूछता:
"मान ले कि तूने शैतान से समझौता किया है।"

मार्था चीखती—
"मैं निर्दोष हूँ… मैंने किसी का कुछ नहीं बिगाड़ा…"

लेकिन किताब कहती थी—
"अगर औरत इनकार करे, तो इसका मतलब है कि शैतान उसकी ज़बान पर बैठा है।
और तब तक यातना दो जब तक वह सच न कबूल ले।"


स्वीकारोक्ति
https://horrorstory1600.blogspot.com

तीन दिन तक उसे यातना दी गई।
आखिरकार टूटकर उसने वही कहा, जो वे सुनना चाहते थे:
"हाँ… शैतान मेरे पास आया था…
उसने कहा, अगर मैं उसे अपना वचन दूँ तो वह मुझे शक्ति देगा…
मैंने मना किया… पर उसने मुझे मजबूर किया…"

पादरी चिल्लाया:
"सुन लिया तुम सबने? यह औरत शैतान की दासी है!"


दंड

किताब का आदेश साफ था:
"चुड़ैल को जीवित जलाना चाहिए। यही ईश्वर का न्याय है।"

9 मार्च 1513 की सुबह, पूरे गाँव को चौक पर इकट्ठा किया गया।
लकड़ियों का ढेर लगाया गया।
मार्था को खंभे से बाँध दिया गया।

लोगों ने देखा—
जब आग की लपटें उसके शरीर को निगलने लगीं, तब भी उसकी आँखें खुली रहीं।
उसकी चीख इतनी भयानक थी कि कई बच्चे बेहोश हो गए।
और फिर—उसकी राख हवा में उड़ गई।


श्राप

उस रात, गाँव की गलियों में अचानक ठंडी हवाएँ चलने लगीं।
कुत्ते रोने लगे।
लोगों ने सपना देखा कि मार्था उनके घर में खड़ी है, जलते हुए शरीर के साथ।
वह कह रही थी:
"तुम सब मेरी आग में जलोगे… यह किताब तुम्हें भी शैतान के पास ले जाएगी…"

गाँव वाले डर के मारे घर छोड़कर भागने लगे।
कुछ ही सालों में ब्रामबर्ग गाँव वीरान हो गया।

लेकिन चर्च ने किताब जलाने की जगह और फैलाना शुरू कर दिया।
1513 से 1600 तक, हजारों औरतें इसी तरह आग में झोंकी गईं।




16th Century : शैतानों की अदालत

भाग 2 : "रात की उड़ान"

साल 1515, जर्मनी।
मार्था को जलाए जाने के दो साल बाद, चर्च ने किताब Malleus Maleficarum का दूसरा आदेश लागू करना शुरू किया।

किताब का कथन

किताब में लिखा था:

https://horrorstory1600.blogspot.com

“चुड़ैलें रात को अपने शरीर को शैतान के हवाले कर देती हैं।
वे हवा में उड़कर उसके दरबार में जाती हैं।
वहाँ वे भोज करती हैं, शैतान के साथ संबंध बनाती हैं, और इंसानों के लिए विनाशकारी योजनाएँ बनाती हैं।
यदि कोई व्यक्ति कहे कि उसने उन्हें उड़ते देखा है, तो वही पर्याप्त सबूत है।”


डर की शुरुआत

एक छोटे गाँव वुर्ज़बर्ग में अचानक अफवाह फैली—
“रात को औरतें हवा में उड़ रही हैं…!”

गाँव का एक किसान कहता:
"मैंने आधी रात को अपनी खिड़की से देखा—तीन औरतें घोड़े की तरह झाड़ू पर बैठी आसमान में जा रही थीं। उनके बाल खुले थे और वे काले धुएँ से ढकी हुई थीं।"

दूसरा आदमी गवाही देता:
"सुबह मेरी गाय मर गई… और मैंने पिछली रात मेरी खिड़की पर वही औरत देखी थी।"

बस—इतना काफी था।
गाँव के पादरी ने ऐलान किया:
"यह किताब कहती है कि चुड़ैलें रात को उड़ान भरती हैं।
अगर लोग गवाही दें, तो हमें उन्हें पकड़कर ईश्वर का न्याय करना होगा।"


शैतान का दरबार

गाँव वालों का विश्वास था कि ये औरतें रात को जंगल के बीच ब्लैक सब्बाथ मनाने जाती हैं।
वहाँ शैतान काले बकरे के रूप में आता।
चुड़ैलें उसके सामने नाचतीं, खून से उसकी पूजा करतीं।
कभी-कभी शैतान उनके शरीर पर निशान बनाता—एक ऐसा निशान जो कभी मिटता नहीं।

किताब में लिखा था:

“अगर औरत के शरीर पर कोई तिल, दाग, या निशान है, तो समझ लो वह शैतान का चिन्ह है।”


शिकार की शुरुआत

गाँव में 6 औरतों को पकड़ा गया।
उन्हें चर्च के सामने लाया गया।

पादरी ने उनके शरीर की तलाशी ली।
एक के पैर पर पुराना घाव था—कहा गया, “यह शैतान का निशान है।”
दूसरी के हाथ पर तिल था—कहा गया, “यह चुड़ैल का चिन्ह है।”

फिर वही यातना शुरू हुई—
लोहे की कुर्सी, जलते मशालों से दागना, पानी में डुबोना।
और हर यातना के बाद वही सवाल:
"मान ले कि तूने शैतान की सेवा की है।"


स्वीकारोक्ति

यातना सहते-सहते उन औरतों ने कहना शुरू कर दिया:
"हाँ… हम रात को उड़ते हैं…
हमने जंगल में भोज किया…
शैतान हमारे सामने काले बकरे के रूप में आता है…
उसने हमारे शरीर पर अपना निशान बनाया…"

गाँव वाले डर से काँपने लगे।
अब उन्हें यकीन हो गया कि चुड़ैलें सचमुच मौजूद हैं।


जलती रात

1515 की सर्द रात।
गाँव के चौक पर लकड़ियों के ढेर लगाए गए।
छह औरतों को बाँधकर खड़ा किया गया।
लोग चिल्ला रहे थे—"जला दो… ईश्वर के नाम पर जला दो!"

जैसे ही आग लगाई गई, औरतें चीखने लगीं।
लेकिन उनकी चीखों के बीच एक अजीब आवाज़ गूँजी—
मानो हवा खुद बोल रही हो:
"तुमने हमें मारा है… लेकिन हम लौटेंगे…
हर घर में, हर सपने में, हम लौटेंगे…"

लपटें आसमान तक गईं।
गाँव के बच्चे रोने लगे।
और उसी रात, पूरे गाँव में बदबू फैल गई—मानो राख अब भी जीवित हो।


किताब का असर
https://horrorstory1600.blogspot.com

किताब का आदेश साफ था—
"चुड़ैल का खात्मा ईश्वर की सेवा है।
जो उसे बचाए, वह भी शैतान का साथी है।"

इसके बाद यूरोप के गाँवों में चुड़ैल-शिकार और भी तेज़ हो गया।
1515 से 1530 तक, सिर्फ जर्मनी में ही 900 औरतों को जलाकर मार दिया गया।




16th Century : शैतानों की अदालत

भाग 3 : "शक्ति की चोरी और विनाश का मौसम"

साल 1520, जर्मनी।
चर्च की किताब Malleus Maleficarum अब यूरोप में हर गाँव में फैल चुकी थी।

किताब का कथन

"चुड़ैलें पुरुषों की शक्ति चुराती हैं, उनकी वीरता और स्वास्थ्य कम करती हैं।
बच्चों की बीमारियाँ और अकाल भी उनकी काली विद्या का परिणाम हैं।
वे मौसम पर कब्ज़ा कर सकती हैं—बारिश रोक सकती हैं, तूफान ला सकती हैं।
यदि किसी पुरुष ने चुड़ैल को रोका या देखा, तो उसे भी मौत या विकलांगता भोगनी पड़ती है।"


डर की शुरुआत

वुर्ज़बर्ग गाँव में एक परिवार की कथा सुनिए—
किसान हांस म्यूलर के दो बच्चे बीमार हो गए।
दूसरे गाँव वालों ने कहा:
"तुम्हारे बच्चों पर चुड़ैल ने जादू किया है।"

हांस ने खुद को मासूम समझा।
लेकिन उसकी पत्नी बोली:
"देखो किताब में लिखा है—अगर चुड़ैल ने हमला किया, तो सिर्फ उसका अंतिम उपाय ही बचा सकता है—यातना और आग।"

हांस को डर लगा।
अगली रात, उसने देखा—आसमान में एक धुंधली परछाई बच्चों के कमरे की खिड़की से झाँक रही थी।
वो चीखते हुए अपने बच्चों के पास भागा, लेकिन परछाई हवा में घुल गई।


शैतानी शक्तियाँ

किताब में लिखा है कि चुड़ैलें रात में पुरुषों की वीरता चुराती हैं।

  • किसान जो खेत जोतता है, उसे थकान लगती है।

  • सैनिक जो तलवार उठाता है, उसकी ताकत कम हो जाती है।

  • व्यापारी जो व्यापार करता है, उसके हाथ का कौशल घट जाता है।

वुर्ज़बर्ग में हांस के हाथ में अब काम करने की शक्ति नहीं रही।
और उसके बच्चों की हालत दिन-ब-दिन खराब होती गई।


मौसम का आतंक

किताब में और लिखा गया:

“चुड़ैलें मौसम बदल सकती हैं।
अकाल, बाढ़, तूफान, ओले—सभी उनकी विद्या का परिणाम हैं।"

1520 की गर्मियों में गाँव में अकाल पड़ा।
सामान्यतः खेत हरे-भरे होते थे, लेकिन अचानक मौसम बदल गया।

  • बारिश नहीं हुई।

  • सूरज तपता रहा।

  • फसल सूख गई।

गाँव वाले डर से काँपने लगे।
किताब के अनुसार, उन्होंने उसी रात चुड़ैलों को पकड़ने के लिए रात की गश्त निकाली।


पकड़ना और दंड

गाँव के पादरी ने फिर वही आदेश दिया—
"जो औरतें रात को उड़ती हैं, पुरुषों की शक्ति चुराती हैं और मौसम बिगाड़ती हैं, उन्हें पकड़ो और आग में झोंक दो।"

इस बार गाँव में 8 औरतें पकड़ी गईं।
उनमें से एक के पैर में घाव, दूसरी के हाथ में तिल, तीसरी के कान में काला निशान—
सभी निशान किताब के अनुसार शैतान का चिन्ह थे।

यातना वही थी—लोहे की कुर्सी, जलते मशाल, पानी में डुबाना।
हर एक ने स्वीकार किया कि वे शैतान की दासी हैं और पुरुषों की शक्ति चुराती हैं।


भयानक अंत

जैसे ही लकड़ियों की आग लगी, औरतें चीखती हुई लपटों में घुल गईं।
लेकिन उनकी चीखों में अब सिर्फ व्यथा नहीं, भविष्य की चेतावनी भी थी—
"जो लोग हमारी मौत का आनंद लेंगे, उनकी संतान भी हमारी अगली पीढ़ी की चुड़ैलें देखेंगी।"

गाँव वाले डर के मारे घरों में दुबक गए।
लेकिन किताब का आदेश स्पष्ट था—यह सिर्फ शुरुआत थी।
सतत भय, सतत यातना और सतत मौत—यही Malleus Maleficarum का संदेश था।



Horror Lover के लिए जरूरी सूचना


अगर आप हमारी कहानियों का हिस्सा बनना चाहते हैं और हमारे साथ चाय की चुस्की लेते हुए आनंद लेना चाहते हैं, तो आज ही अपना नाम और नंबर नीचे दिए गए पते पर भेजें।


Contact me 

reaxaccer58@gmail.com

reaxaccer1999@gmail.com


यदि आप हमारी कहानियों को पसंद करते हैं, तो आपका छोटा सा योगदान भी हमारे लिए अनमोल होगा।


इसे स्कैन करें: [QR कोड/लिंक]




Top 🔝 10 other most HorroR story 
 












6- घातक बयान (The Deadly Confessions)











कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

16th Century: Court of Demons

  16th Century: Court of Demons 💀 The Most Terrifying and Mysterious 16th Century Story — “Court of Demons” 💀 Are you ready to step into ...