Shape Shifter (Aswang) Horror Story – अभिशप्त खून की डरावनी कहानी
👻 अस्वंग शेप शिफ्टर
रात का अंधेरा, हवाओं की सीटी और खून की गंध…
यह कहानी है Aswang – Shape Shifter की, एक ऐसी औरत की जो दिन में दाई बनकर मासूमों की मदद करती है लेकिन रात ढलते ही उसका असली रूप सामने आता है—एक राक्षसी और खून की प्यासी चुड़ैल। उसकी लंबी जीभ, उसके तेज़ नाखून और इंसानी खून की प्यास हर किसी की रूह तक जमा देती है।
यह कोई साधारण कहानी नहीं, बल्कि खौफ, श्राप और मौत का वह खेल है जिसमें कदम रखते ही इंसान जिंदा नहीं बचता।
अगर आपके पास हिम्मत है तो इस कहानी को रात में अकेले पढ़ें…
लेकिन याद रखिए—Aswang का नाम लेने से ही वह आपके आसपास आ सकती है।
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क्योंकि अगली बार हम और भी खौफनाक कहानी लेकर आएंगे…
यह कहानी Aswang (Shape Shifter) पर आधारित है, जो फिलीपींस की सबसे खतरनाक और डरावनी लोककथा है। इसमें एक औरत का राज़ छिपा है जो दिन में दाई (Midwife) बनकर लोगों की मदद करती है, लेकिन रात में एक रक्तपिपासु राक्षसी में बदल जाती है और गर्भवती महिलाओं तथा उनके बच्चों का खून चूस लेती है। इस कहानी में आपको मिलेगा—
खून से लथपथ डरावने दृश्य
श्राप और काले जादू का रहस्य
परिवार और गाँव को बचाने की जंग
खौफनाक ट्विस्ट और सस्पेंस
🩸 Shape-Shifter (Aswang) 🩸
(एक डरावनी कथा – फिलीपींस की सबसे भयानक दंतकथा पर आधारित)
📜 ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
अस्वांग का ज़िक्र फिलीपींस के कई पुराने स्पेनिश-कालीन लेखों और पांडुलिपियों में मिलता है।
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16वीं शताब्दी में स्पेनिश मिशनरियों ने स्थानीय लोगों से सुना कि रात को “Asuwang” नामक दानव गर्भवती महिलाओं और शिशुओं पर हमला करता है।
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1582 में स्पेनिश पादरी फादर जुआन डे प्लासेंसिया ने इसे अपने लेख “Relacion de las Costumbres de los Tagalos” में दर्ज किया।
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इसके बाद 1890 में मैक्सिमो रामोस नामक फिलीपीनो लेखक ने लोककथाओं का संग्रह किया जिसमें अस्वांग का ज़िक्र विस्तार से मिलता है।
पहला शिकार कौन था?
कहते हैं कि पहला दर्ज किया गया शिकार विसायस क्षेत्र की एक युवा गर्भवती महिला थी जिसका नाम मारिया डेल रोसारियो था। 1593 की एक पुरानी कैथोलिक चर्च रिकॉर्ड में उल्लेख मिलता है कि वह अपनी झोपड़ी में मृत पाई गई, पेट फटा हुआ और भ्रूण गायब। गाँव वालों ने इसे “अस्वांग का काम” कहा।
भाग 1 – "टिक-टिक की आवाज़"
फिलीपींस के विसायस इलाके का गाँव सिलाय हमेशा से डर और रहस्य में डूबा रहता था। लोग कहते थे कि आधी रात के सन्नाटे में अगर तुम्हें "टिक-टिक… टिक-टिक…" की आवाज़ सुनाई दे, तो समझ लो अस्वांग पास है।
🌑 अंधेरी रात
बरसात की एक घनी रात थी। आकाश काले बादलों से भरा, बिजली चमक रही थी।
गाँव की लुसिंडा, एक सात महीने की गर्भवती औरत, अकेली झोपड़ी में लेटी थी। उसके पति खेत पर गए थे और उसे बार-बार नींद टूट रही थी। अचानक उसने छत पर किसी के चलने की धीमी चरमराहट सुनी।
उसका दिल ज़ोरों से धड़कने लगा।
बाहर अजीब सी "टिक-टिक… टिक-टिक…" की आवाज़ गूंज रही थी।
🦇 भयावह छाया
लुसिंडा ने खिड़की से झाँका तो दूर एक काली परछाई दिखाई दी। उसकी आँखें लाल अंगारों जैसी चमक रही थीं और जीभ साँप की तरह लंबी बाहर निकल रही थी।
वह उड़ता हुआ धीरे-धीरे उसकी झोपड़ी के करीब आ रहा था।
अचानक छत पर खरोंचने की आवाज़ आई — जैसे कोई अपने पंजों से बाँस की छत तोड़ रहा हो।
लुसिंडा चिल्लाई, मगर गाँव सुनसान था।
⚔️ प्राचीन चेतावनी
लुसिंडा को अपनी दादी की बात याद आई —
"अगर कभी अस्वांग आए तो लहसुन और नमक साथ रखना, वरना पेट से बच्चा निकाल लेगा।"
उसने कांपते हाथों से लकड़ी की अलमारी से लहसुन की गांठ उठाई और दरवाजे पर फेंक दी।
जैसे ही लहसुन ज़मीन पर गिरा, छत पर खरोंच की आवाज़ रुक गई।
लेकिन तभी खिड़की से लंबी काली जीभ अंदर घुसी और लुसिंडा के पेट की तरफ लपकी।
लुसिंडा चीखी — उसकी आँखों के सामने अंधेरा छा गया।
⚠️ पहला भाग यहीं खत्म होता है।
दूसरे भाग में दिखाऊँगा:
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गाँव वाले कैसे इस घटना से दहशत में आ जाते हैं।
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अस्वांग का असली रूप और पहला खूनी हमला।
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पुराने चर्च रिकॉर्ड से जुड़ा हुआ रहस्य।
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और कहानी का पहला बड़ा ट्विस्ट।
🩸 Shape-Shifter (Aswang)
भाग 2 – "रक्त का श्राप"
🌑 गाँव में आतंक
सुबह हुई तो गाँव सिलाय में चीख-पुकार मच चुकी थी।
लुसिंडा की झोपड़ी खुली पड़ी थी। उसके पति मिगुएल जब खेत से लौटे, तो उन्होंने देखा कि लुसिंडा ज़मीन पर बेहोश पड़ी थी। उसका चेहरा पीला और सूखा हुआ था, जैसे खून चूस लिया गया हो।
उसके पेट पर गहरे खरोंच के निशान थे… और सबसे भयानक — उसका गर्भ खाली था।
बच्चा गायब।
मिगुएल पागलों की तरह चिल्लाने लगा,
"ये इंसानी काम नहीं… ये अस्वांग है…!"
गाँव के लोग इकट्ठा हो गए। हर किसी की आँखों में दहशत थी, क्योंकि यह पहली बार नहीं था। पिछले महीने भी एक और औरत गर्भपात जैसी रहस्यमयी मौत से मरी थी।
🦇 अस्वांग का असली रूप
गाँव के बुज़ुर्ग डॉन रफाएल ने सबको इकट्ठा करके कहा:
"अस्वांग एक shape-shifter है। दिन में ये हमारे बीच रहता है, किसी पड़ोसी, दोस्त या औरत के रूप में। मगर रात में ये लंबी जीभ और पंजों वाला राक्षस बन जाता है।"
उसने और बताया —
"टिक-टिक की आवाज़… अगर पास लगे तो वह दूर है, और अगर दूर सुनाई दे तो वह ठीक ऊपर मंडरा रहा होता है।"
गाँव वालों के चेहरों का खून सूख गया। हर कोई शक करने लगा कि कहीं उनके बीच ही कोई अस्वांग तो नहीं।
⚰️ चर्च का रहस्य
मिगुएल अपनी पत्नी की हालत देखकर सेंट रोसारियो चर्च गया।
वहाँ बूढ़ा पादरी फादर गिल बैठा था। उसने प्राचीन किताब निकाली — “Relacion de las Costumbres de los Tagalos” (1582)।
उस किताब में साफ लिखा था:
"अस्वांग पहले इंसान था… एक श्रापित औरत जिसे अनंत भूख मिली। उसे शिशुओं और मृतकों का मांस खाना ही पड़ता है। अगर वो भूख को पूरा न करे तो जलकर राख हो जाती है।"
पादरी ने मिगुएल को एक पवित्र ताबीज़ और तेल की शीशी दी,
"ये तुम्हारी पत्नी को बचा सकता है, मगर याद रखना — अस्वांग को केवल लोहे की भाला या सिर काटकर ही मारा जा सकता है।"
🌌 रात का खौफ
रात फिर उतरी। गाँव वाले पहरे पर थे।
लेकिन आधी रात होते-होते दूर जंगल से फिर वही टिक-टिक… टिक-टिक… की आवाज़ आई।
इस बार उन्होंने छतों पर परछाइयाँ देखीं।
काले पंख फैलाए, चमकती लाल आँखों वाला प्राणी झोपड़ियों के ऊपर मंडरा रहा था।
मिगुएल ने अपनी पत्नी को छुपाया, मगर अस्वांग की जीभ फिर से खिड़की के पास आई।
इस बार मिगुएल ने झट से पवित्र तेल छिड़का —
अस्वांग चीखा, धुएँ में लिपट गया और छत तोड़कर अंदर घुस आया।
🩸 खूनी हमला
गाँव वाले दौड़े, हाथों में बाँस की भाले लिए।
जैसे ही उन्होंने देखा, सबकी रूह काँप गई —
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अस्वांग का शरीर आधा इंसान और आधा जानवर था।
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उसके पंख चमगादड़ जैसे थे।
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पेट पर सूजे हुए फोड़े और कीड़े रेंग रहे थे।
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उसकी जीभ साँप से भी लंबी, सीधी लुसिंडा के पेट की तरफ बढ़ रही थी।
गाँव वालों ने हमला किया। भाले उसके शरीर में घुसे, मगर वह चीखते हुए सबको हवा में फेंकता रहा।
उसने एक जवान लड़के का गला चीर दिया, और उसका खून पीने लगा।
गाँव खून से सन गया। चीखें और टिक-टिक की आवाज़ें मिलकर नर्क जैसा मंजर बना चुकी थीं।
🩸 पहला बड़ा ट्विस्ट
मिगुएल ने लोहे की भाला लेकर अस्वांग पर वार किया। भाला उसके कंधे को चीर गया।
अस्वांग पीछे हटा… और अचानक उसका रूप बदलने लगा।
गाँव वाले दंग रह गए।
वह राक्षस अब एक जानी-पहचानी औरत के रूप में बदल चुका था।
वह थी इसाबेला — गाँव की दाई, जो हर जन्म के समय औरतों की मदद करती थी।
सालों से वही उनके बीच रहती थी, बच्चों को जन्म दिलवाती थी… और चुपके से उनका शिकार भी करती थी।
गाँव वालों के पैरों तले ज़मीन खिसक गई।
इसाबेला, जिस पर वे भरोसा करते थे, वही Shape-Shifter (Aswang) निकली।
⚠️ भाग 2 यहीं समाप्त होता है।
👉 भाग 3 में आएगा:
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अस्वांग (इसाबेला) की असली बैकस्टोरी और कैसे वह श्रापित हुई।
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गाँव वालों और मिगुएल का अंतिम संघर्ष।
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खून, रहस्य और एक चौंकाने वाला अंत।
🩸 Shape-Shifter (Aswang)
भाग 3 – "श्रापित रक्त"
🌑 अस्वांग का रहस्य
गाँव वाले स्तब्ध खड़े थे।
जो राक्षस लुसिंडा का बच्चा चूस रहा था, वही औरत थी जिसे वे इसाबेला दाई कहते थे।
सालों से वह गर्भवती औरतों की मदद करती रही, मगर आज असली चेहरा सामने आ गया।
मिगुएल ने काँपते हुए पूछा –
"तूने ऐसा क्यों किया…? तूने हमारे बच्चों को क्यों मारा?"
इसाबेला की आँखें लाल जल रही थीं। वह धीमी, फटी आवाज़ में बोली –
"मैंने नहीं चाहा… लेकिन भूख… यह अंतहीन भूख… यह श्राप है।"
🩸 श्राप की बैकस्टोरी
सदियों पहले, 1580 के आसपास, इसाबेला एक साधारण औरत थी।
वह गरीब घर में पैदा हुई थी और जड़ी-बूटियों से लोगों का इलाज करती थी।
एक दिन, उसकी माँ प्रसव में मर गई। इसाबेला ने भगवान से प्रार्थना की:
"हे प्रभु, मुझे ताकत दे कि मैं हर औरत और हर बच्चे को बचा सकूँ।"
लेकिन उसकी प्रार्थना का जवाब अंधेरे से आया।
रात को जंगल में उसे एक अजीब औरत मिली – काले कपड़े में लिपटी, बिना चेहरा वाली।
उसने इसाबेला से कहा:
"अगर तू मेरी शक्ति स्वीकार करेगी, तो कोई और औरत प्रसव में नहीं मरेगी… पर इसकी कीमत तुझे खून से चुकानी होगी।"
इसाबेला ने हामी भर दी।
और तभी उसका शरीर फट गया, उसमें पंख और लंबी जीभ उग आई।
वह पहली Shape-Shifter (Aswang) बन गई।
अब वह औरतों को जन्म तो दिलवा सकती थी, लेकिन बच्चे या माँ में से किसी एक को ज़रूर खा जाना पड़ता था, वरना उसका शरीर जलकर राख हो जाता।
🌌 अंतिम संघर्ष
गाँव वाले मशालें और लोहे के हथियार लेकर इसाबेला पर टूट पड़े।
लेकिन अस्वांग का रूप अब पूरी तरह बाहर आ चुका था —
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उसके पंख पूरे कमरे में फैल गए थे।
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उसकी जीभ हवा को चीरते हुए घूम रही थी।
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उसके दाँत तलवार की तरह चमक रहे थे।
वह एक-एक कर गाँव वालों को नोच-नोचकर खाती गई।
खून दीवारों पर बिखर रहा था।
चौकीदार रोसा का सिर धड़ से अलग कर दिया गया, उसकी लाश झोपड़ी के बाहर गिर पड़ी।
लुसिंडा, जो अभी भी कमजोर थी, ज़मीन पर पड़ी रो रही थी।
मिगुएल ने लोहे की भाला उठाई और ताबीज़ को कसकर पकड़ा।
"आज तेरा अंत होगा… चाहे जो हो!"
⚔️ मौत का नृत्य
अस्वांग ने उस पर झपट्टा मारा। मिगुएल ने भाला उसके सीने में घोंप दिया।
चीख के साथ पूरा घर हिल गया।
लेकिन अस्वांग मरा नहीं।
वह दर्द में तड़पते हुए बोली –
"तू सोचता है इससे मैं मर जाऊँगी? यह श्राप तो तेरे गाँव को भी निगल लेगा।"
उसने पंख फैलाए और मिगुएल को दीवार से दे मारा।
मिगुएल का खून बहने लगा, मगर उसने हार नहीं मानी।
उसने भाला घुमा कर उसका सिर काटने की कोशिश की।
🩸 भयानक अंत
आखिरकार, जब अस्वांग लुसिंडा के पेट पर जीभ डालने ही वाली थी,
मिगुएल ने पूरी ताकत से वार किया —
भाला सीधा अस्वांग की गर्दन से पार हो गया।
अस्वांग चीखी, उसका शरीर धधकने लगा, और वह राख में बदल गई।
सिर्फ उसका सिर बचा रहा… और उसकी आँखें अब भी लाल जल रही थीं।
वह फुसफुसाई –
"ये श्राप खत्म नहीं हुआ… अगला Shape-Shifter तुम्हारे ही खून से जन्म लेगा…"
और फिर राख बनकर हवा में उड़ गई।
😱 अंतिम ट्विस्ट
कुछ दिन बाद लुसिंडा ठीक हो गई।
लेकिन जब उसने फिर से गर्भ की हलचल महसूस की…
तो उसे याद आया — डॉक्टरों ने कहा था कि बच्चा मर चुका है।
फिर उसके पेट में हलचल कैसे हो रही थी?
रात को जब उसने अकेले पेट पर हाथ रखा,
तो भीतर से किसी ने लंबी जीभ से उसका हाथ चाटा।
लुसिंडा चीख पड़ी।
और तभी कमरे में वही टिक-टिक… टिक-टिक… की आवाज़ गूंजने लगी।
🔚 अंत… या शायद शुरुआत!
👉 इस तरह यह कहानी Shape-Shifter (Aswang) खत्म होती है, मगर साथ ही डरावना संकेत छोड़ती है कि श्राप अब भी ज़िंदा है।
🙏 आपका धन्यवाद 🙏
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