द क्राउन
(The Crown)
क्या होगा अगर एक ऐसा मुकुट हो, जो पहनने वाले को असीम शक्तियाँ दे सके… लेकिन बदले में उसकी आत्मा को निगल ले?
"The Crown" एक ऐसी खौफनाक और रहस्यमयी कहानी है, जिसमें मिस्र के पिरामिडों के समय बना एक श्रापित मुकुट हजारों सालों बाद फिर से सामने आता है।
कहानी की शुरुआत होती है साल 2025 में, जब 12 वैज्ञानिकों की एक टीम सहारा रेगिस्तान की एक पुरानी गुफा में एक काले पत्थर का ताबूत खोजती है।
इस ताबूत के अंदर था सोने का मुकुट, लेकिन यह कोई साधारण मुकुट नहीं था – इसकी सतह पर काले ज़िंदा जैसे धब्बे रेंगते थे।
जैसे ही टीम के एक सदस्य ने मुकुट को छुआ, उसके मुंह, आंखों और कानों से सैकड़ों कीड़े निकलने लगे और उसने तड़पते हुए दम तोड़ दिया।
दूसरे ने मुकुट को छुआ तो उसका पूरा शरीर कीड़ों में बदल गया, जो किसी भी जिंदा इंसान को चबा सकते थे।
तीसरे ने जैसे ही मुकुट को उठाया, वह एक उड़ने वाला खून पीने वाला राक्षस बन गया, जिसकी आंखें लाल और दांत खंजर जैसे थे।
गुफा में अफरातफरी मच गई। कुछ वैज्ञानिक मारे गए, कुछ भयानक शैतान बन गए।
मुकुट से निकलते काले धुएं के भंवर में फैरो रामसेस की खतरनाक आत्मा लौट आई, जिसने हजारों साल पहले इस मुकुट को काली विद्या से बनाया था।
अब मुकुट अपना नया मालिक चुनने के लिए तैयार था… और दुनिया को एक ऐसे अंधेरे में धकेलने वाला था, जहाँ खून, लाशें और डरावनी आत्माएं इंसानों पर राज करेंगी।
लेकिन जब मुकुट को तोड़ दिया जाता है, तो उसके अंदर कैद सैकड़ों आत्माएं मुक्त होकर दुनिया में फैल जाती हैं, और उनका नया खेल अब शुरू होने वाला है…
---द क्राउन
क्यों पढ़ें यह कहानी?
✅ इसमें है मिस्र की काली विद्या, श्रापित मुकुट, भूत-प्रेत, राक्षस, और खून से लथपथ डरावने दृश्य।
✅ हर सीन में है रहस्य, खौफ, और ट्विस्ट जो आपको अंत तक बांधे रखेगा।
✅ इसका अगला भाग और भी खतरनाक होने वाला है, जिसमें मुक्त हुई आत्माओं का आतंक दिखेगा।
---द क्राउन
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🩸 पढ़ें और डूब जाएं खून, मौत और श्राप के इस अंधेरे सफर में – The Crown!
The Crown – भाग 1
सन 2025।
अफ्रीका के सहारा रेगिस्तान के बीचोंबीच, एक पुरानी गुफा की खुदाई चल रही थी। यह गुफा हजारों साल पुरानी थी, और वैज्ञानिकों का दावा था कि इसके भीतर मिस्र के पिरामिड से भी पुरानी सभ्यता के रहस्य छिपे हैं।
टीम में कुल 12 सदस्य थे –
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डॉ. रिचर्ड (मुख्य पुरातत्वविद)
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प्रो. एम्मा (इतिहास की विशेषज्ञ)
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मार्कस (भूवैज्ञानिक)
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एलिज़ाबेथ (प्राचीन लिपियों की जानकार)
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हसन (स्थानीय गाइड)
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एरिक, सोफिया, डेविड, लेना, सैमुअल, क्लेयर और पॉल – अन्य वैज्ञानिक और सहायक।
गुफा के भीतर बढ़ते-बढ़ते उन्हें एक काले पत्थर का ताबूतनुमा संदूक मिला। उस पर अजीब-अजीब मिस्री प्रतीक और खून जैसे सूखे निशान बने थे।
एलिज़ाबेथ ने उन प्रतीकों को पढ़ते हुए कांपते हुए कहा –
“इस पर लिखा है… ‘जो इसे खोलेगा, वह मौत को न्योता देगा। यह मुकुट खुद अपना मालिक चुनता है।’”
डॉ. रिचर्ड ने कहा – “हमें इसे खोलना ही होगा। शायद यह इतिहास की सबसे बड़ी खोज साबित हो।”
जैसे ही संदूक खोला गया, भीतर से सोने का एक मुकुट निकला, लेकिन वह सोना साधारण नहीं था। मुकुट पर काले रंग की रगें उभर रही थीं, जैसे उसमें कुछ जिंदा हो।
हसन ने डरते-डरते उसे छूने की कोशिश की।
अचानक उसके मुंह से सैकड़ों कीड़े निकलने लगे, जो उसकी आंखों और कानों से भी बाहर आने लगे। वह जमीन पर तड़पते-तड़पते मर गया, और उसका पूरा शरीर कीड़ों से भरकर चिथड़े-चिथड़े हो गया।
टीम घबरा गई। मार्कस चिल्लाया –
“हे भगवान! इसे छुओ मत!”
लेकिन डेविड, लालच में, मुकुट उठाकर सिर पर पहनने की कोशिश करता है।
पलभर में उसका शरीर कीड़ों के झुंड में बदल गया, जो भिनभिनाते हुए बाकी सदस्यों की ओर बढ़ने लगे।
सोफिया चिल्लाई और मुकुट को हटाने की कोशिश की, लेकिन जैसे ही उसने मुकुट को छुआ, वह पंखों वाला, खून पीने वाला राक्षस बन गई। उसके नुकीले दांत और लाल चमकती आंखें देखकर सबकी रूह कांप गई।
गुफा में अफरातफरी मच गई।
कुछ सदस्य भागने लगे, लेकिन कीड़ों के झुंड और उड़ते राक्षस उनका पीछा करने लगे।
क्लेयर और पॉल ने अपने हथियार निकाले और डटकर लड़ने की कोशिश की, लेकिन वे भी धीरे-धीरे मुकुट की काली शक्ति से प्रभावित होने लगे। उनके शरीर पर काले धब्बे उभर आए और उनकी आंखें काली हो गईं।
एलिज़ाबेथ कांपते हुए बोली –
“यह मुकुट साधारण नहीं है… यह वही मुकुट है जिसे फैरो रामसेस ने काली विद्या से बनाया था। उसने अपनी आत्मा इसमें कैद कर रखी थी ताकि वह अमर हो सके… और अब यह मुकुट नए मालिक की तलाश में है!”
गुफा की दीवारें हिलने लगीं। चारों ओर से प्रेतात्माओं की चीखें सुनाई देने लगीं।
मुकुट से काले धुएं का विशाल भंवर निकलने लगा, जिसमें से रामसेस की भयानक आत्मा प्रकट हुई।
उसकी आंखें अंगारों की तरह जल रही थीं। उसने कहा –
“हजारों सालों बाद… मैं लौट आया हूं! अब दुनिया मेरे सामने झुकेगी…”
टीम के 5 सदस्य भागने में सफल हुए, लेकिन बाकी 7 या तो मर गए, या मुकुट की शक्ति से शैतान बन गए।
गुफा के भीतर अब रामसेस की आत्मा और उसका नया झुंड खड़ा था।
और मुकुट अब चमक रहा था… जैसे वह अपने असली मालिक को चुनने वाला हो।
The Crown – भाग 2
गुफा से बाहर निकलकर, बचे हुए 5 सदस्य –
प्रो. एम्मा, मार्कस, लेना, सैमुअल और एलिज़ाबेथ – एक पुरानी जीप में बैठकर शहर की ओर भागे।
लेकिन रास्ते में, काले बादल उनके ऊपर मंडराने लगे। सोफिया (जो अब राक्षस बन चुकी थी) उड़ते हुए उन पर झपटी और सैमुअल का गला चीरकर उसका खून पीने लगी।
बाकी चार किसी तरह बचकर कैरो के एक पुराने म्यूज़ियम पहुंचे, जहाँ प्राचीन ग्रंथ रखे थे।
एलिज़ाबेथ ने उन ग्रंथों में खोजते हुए कहा –
“यह मुकुट सिर्फ उसी व्यक्ति को अमर शक्ति दे सकता है, जिसकी आत्मा लालच और अंधकार से भरी हो… लेकिन इसे नष्ट करने का एक तरीका है।”
मार्कस ने पूछा – “कैसे?”
एलिज़ाबेथ ने काँपते हुए कहा –
“हमें मुकुट को उस पिरामिड की चोटी पर ले जाकर, सूर्य ग्रहण के समय तोड़ना होगा… लेकिन ऐसा करते ही हजारों सालों से कैद सारी आत्माएं मुक्त हो जाएंगी।”
तभी गुफा के भीतर रामसेस ने अपना पहला हमला शुरू किया।
कीड़ों के झुंड और उड़ते हैवान पूरे शहर पर टूट पड़े। लोगों के चेहरे कीड़े खाते, खून की नदियां बहने लगीं।
प्रो. एम्मा ने हिम्मत करके योजना बनाई –
“हमें मुकुट को चुराना होगा और पिरामिड तक पहुँचना होगा। अगर हम असफल हुए, तो पूरी दुनिया नरक बन जाएगी।”
रात के अंधेरे में, वे गुफा में लौटे।
वहाँ रामसेस अपने नए शैतानी सैनिकों की सेना बना रहा था। मुकुट बीच में रखा था, और उसके चारों ओर हड्डियों और खून का ढेर था।
मार्कस ने साहस दिखाया और मुकुट उठाया।
जैसे ही उसने मुकुट छुआ, उसकी आंखें काली हो गईं।
रामसेस हँसते हुए बोला –
“अब तुम मेरे सेवक हो…”
लेकिन मार्कस ने पूरी ताकत से मुकुट को पकड़कर कहा –
“नहीं… यह मुकुट आज खत्म होगा!”
वे किसी तरह पिरामिड तक पहुंचे।
ग्रहण शुरू हो चुका था।
लेना और एलिज़ाबेथ ने मार्कस की मदद की, लेकिन रामसेस और उसका झुंड उनका पीछा करते हुए आ पहुँचे।
भयानक युद्ध हुआ –
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कीड़ों का सैलाब
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उड़ते राक्षस
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खून से लथपथ लाशें
अंत में, मार्कस ने पूरी ताकत से मुकुट को तोड़ दिया।
तेज चीखों के साथ, रामसेस की आत्मा जलकर राख हो गई।
लेकिन जैसे ही मुकुट टूटा, सैकड़ों प्रेतात्माएं मुक्त होकर दुनिया में फैल गईं…
एलिज़ाबेथ डरते हुए बोली –
“हमने मुकुट तो तोड़ दिया… लेकिन क्या हमने सही किया?”
अचानक आसमान में काले धुएं का भंवर बना, और एक नई, और भी भयानक शक्ति प्रकट हुई।
उसकी गूंजती आवाज आई –
“धन्यवाद… तुमने मुझे आज़ाद किया… अब दुनिया असली अंधकार देखेगी!”
👉 कहानी यहीं खत्म नहीं होती… मुकुट टूट चुका है, लेकिन उसकी शक्ति अब हजारों प्रेतात्माओं में बंट चुकी है। अगला भाग एक और भी बड़े खौफ, खूनी युद्ध और अमर दानव की वापसी की शुरुआत होगा…
🙏 आपका धन्यवाद 🙏
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