**द बेलफ्री गोस्ट: अधूरी मौत का अभिशाप**
1326 ईसा पूर्व की बात है। यूरोप के एक छोटे से गाँव में, जो घने जंगलों और ऊँचे पहाड़ों से घिरा हुआ था, एक प्राचीन चर्च खड़ा था। यह चर्च सैकड़ों साल पुराना था और इसकी ऊँची बेलफ्री (घंटाघर) गाँव की पहचान थी। चर्च की घंटी इतनी विशाल और प्राचीन थी कि उसकी आवाज़ को सुनकर लोगों का मन शांत हो जाता था। लेकिन इस घंटी के साथ एक रहस्य जुड़ा हुआ था, जिसने गाँव को हमेशा के लिए बदल कर रख दिया।
### जोनास: घंटी बजाने वाला लड़का
गाँव में एक युवा लड़का रहता था, जिसका नाम जोनास था। वह अपनी माँ के साथ रहता था, जो अविवाहित थी। गाँव के लोग उसे हमेशा नीची नज़र से देखते थे, लेकिन जोनास एक मेहनती और ईमानदार लड़का था। उसे चर्च की घंटी बजाने का काम सौंपा गया था, क्योंकि वह इस काम को पूरी लगन और समर्पण के साथ करता था। हर रविवार को सुबह और शाम की प्रार्थना के समय, जोनास बेलफ्री पर चढ़कर घंटी बजाता था। उसकी घंटी की आवाज़ गाँव के हर कोने में गूँजती थी।
### मुखिया एडगर की ईर्ष्या
गाँव का मुखिया, एडगर, जोनास से नफरत करता था। एडगर नहीं चाहता था कि एक "अवैध" बच्चा चर्च की घंटी बजाने जैसे सम्मानजनक काम करे। उसका अपना बेटा था, जिसे वह यह काम सौंपना चाहता था। लेकिन गाँव के नियम के अनुसार, घंटी बजाने का काम केवल उसे ही दिया जा सकता था, जो सबसे मेहनती और ईमानदार हो। एडगर ने कई बार जोनास को इस काम से हटाने की कोशिश की, लेकिन हर बार वह असफल रहा।
### भयानक तूफान और जोनास की मौत
एक रात, भयानक तूफान आया। आसमान में बिजली कड़क रही थी, और हवाएँ इतनी तेज थीं कि पेड़ उखड़ने लगे थे। एडगर ने इस मौके का फायदा उठाने का फैसला किया। वह जानता था कि जोनास हर रात घंटी की जाँच करने के लिए बेलफ्री पर जाता है। एडगर ने घंटी की रस्सी को कमजोर कर दिया, ताकि जब जोनास उस पर चढ़े, तो वह गिर जाए।
और ऐसा ही हुआ। जोनास घंटी के ऊपर से गिर गया और उसकी मृत्यु हो गई। गाँव वालों को लगा कि जोनास की मौत एक दुर्घटना थी। लेकिन जोनास की आत्मा को यह नहीं पता था कि उसकी मृत्यु कैसे हुई। उसकी आत्मा घंटी में फंस गई और हर रात उसे बजाने लगी।
### अभिशाप की शुरुआत
जब भी घंटी बजती, गाँव में किसी न किसी की मृत्यु हो जाती। कभी कोई इंसान, कभी कोई पशु, तो कभी कोई पक्षी। गाँव वाले डर गए। उन्हें लगा कि जोनास की आत्मा उन्हें श्राप दे रही है। हर रात, घंटी की आवाज़ सुनकर लोगों की नींद उड़ जाती थी। कोई नहीं जानता था कि यह अभिशाप कब खत्म होगा।
### पुजारियों और जादूगरों का आगमन
गाँव के लोगों ने दूर-दूर से पुजारियों और जादूगरों को बुलाया। हर किसी ने जोनास की आत्मा को शांत करने की कोशिश की, लेकिन कोई सफल नहीं हुआ। कुछ ने कहा कि जोनास की आत्मा को मुक्ति नहीं मिल सकती, क्योंकि उसकी मौत का रहस्य अभी तक सुलझा नहीं है।
आखिरकार, एक बूढ़े पुजारी ने सुझाव दिया कि जोनास की आत्मा को शांति देने के लिए एक विशेष अनुष्ठान करना होगा, जिसमें 7 दिनों तक तरह-तरह की बलि दी जाएगी। गाँव वालों ने उसकी बात मान ली।
### 7 दिनों का अनुष्ठान
अनुष्ठान शुरू हुआ। पहले दिन एक मुर्गे की बलि दी गई। दूसरे दिन एक बकरी की। तीसरे दिन एक सूअर की। चौथे दिन एक भेड़ की। पांचवें दिन एक गाय की। छठे दिन एक घोड़े की। और सातवें दिन... एक इंसान की बलि दी गई।
यह बलि गाँव के मुखिया एडगर की थी। जब उसकी बलि दी गई, तो जोनास की आत्मा ने अपनी मौत का रहस्य जान लिया। उसे पता चल गया कि एडगर ने ही उसे मारा था। इसके बाद, जोनास की आत्मा ने शांति पाई।
### गाँव का वीरान होना
लेकिन इस अनुष्ठान के दौरान, गाँव की 70% आबादी मर गई। कुछ बीमारी से, कुछ भूख से, और कुछ डर से। गाँव वीरान हो गया। चर्च की घंटी अब कभी नहीं बजी।
### कहानी का सार
यह कहानी एक ऐसे अभिशाप की है, जो एक अधूरी मौत और गलत इरादों के कारण लगा। जोनास की आत्मा को शांति देने के लिए गाँव वालों को भारी कीमत चुकानी पड़ी। यह कहानी हमें सिखाती है कि अहंकार और नफरत कितनी भयानक कीमत चुका सकते हैं।
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