**द बर्मूडा ट्रायंगल: दूसरी दुनिया का पोर्टल**
अटलांटिक महासागर के बीचों-बीच, जहाँ नीला पानी और आसमान एक दूसरे में समा जाते हैं, वहाँ एक रहस्यमय क्षेत्र है जिसे दुनिया "द बर्मूडा ट्रायंगल" के नाम से जानती है। यह वह जगह है जहाँ कई जहाज और विमान रहस्यमय तरीके से गायब हो चुके हैं। कुछ लोग इसे प्रकृति का करिश्मा मानते हैं, तो कुछ इसे दूसरी दुनिया का पोर्टल। यह कहानी है एक ऐसे जहाज की, जो इस रहस्यमय त्रिकोण में समा गया और कभी वापस नहीं आया। सिवाय एक डायरी के, जो इस घटना का एकमात्र सबूत बनकर रह गई।
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### **जहाज का सफर**
सन् 1995 की बात है। एस.एस. मर्करी नाम का एक विशाल कार्गो जहाज फ्लोरिडा से अपनी यात्रा शुरू करता है। जहाज पर 30 क्रू मेंबर और 10 यात्री हैं। मौसम साफ है, समुद्र शांत, और सब कुछ सामान्य लग रहा है। कप्तान जॉन मैक्कार्थी, एक अनुभवी नाविक, जो इस रूट पर कई बार यात्रा कर चुका है, जहाज को संभाल रहा है। लेकिन जैसे ही जहाज बर्मूडा ट्रायंगल के करीब पहुँचता है, वातावरण में एक अजीब सी बेचैनी छा जाती है।
समुद्र का पानी अचानक गहरे काले रंग में बदल जाता है, जैसे कि वह किसी अंधेरे गहराई से भर गया हो। आसमान में बादल छा जाते हैं, लेकिन वे सामान्य बादल नहीं हैं। उनका रंग हरा-नीला है, जैसे कि वे किसी दूसरी दुनिया से आए हों। जहाज के रडार और संचार उपकरण अचानक काम करना बंद कर देते हैं। कप्तान और उसके क्रू मेंबर घबरा जाते हैं, लेकिन उनके पास कोई विकल्प नहीं है। जहाज आगे बढ़ता रहता है।
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### **दूसरी दुनिया का पोर्टल**
अचानक, जहाज के सामने एक विशाल घूमता हुआ व्हर्लपूल दिखाई देता है। यह कोई सामान्य व्हर्लपूल नहीं है। इसका आकार इतना बड़ा है कि पूरा जहाज इसमें समा सकता है। व्हर्लपूल के केंद्र से एक रहस्यमय प्रकाश निकल रहा है, जो हवा में तैरते हुए आग के गोले की तरह दिखता है। जहाज को व्हर्लपूल की ओर खींचा जाने लगता है। कप्तान और क्रू मेंबर जहाज को नियंत्रित करने की कोशिश करते हैं, लेकिन सब व्यर्थ। जहाज धीरे-धीरे व्हर्लपूल में समा जाता है।
जैसे ही जहाज व्हर्लपूल के केंद्र में पहुँचता है, सब कुछ अंधकार में डूब जाता है। जहाज के सभी यात्री और क्रू मेंबर एक अजीब सी चेतना में चले जाते हैं, जैसे कि वे किसी सपने की दुनिया में हों। जब वे होश में आते हैं, तो वे खुद को एक अजीब और भयानक दुनिया में पाते हैं।
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### **दूसरी दुनिया का भय**
यह दुनिया किसी नर्क से कम नहीं है। आसमान लाल है, और हवा में एक जलती हुई गंध है। समुद्र का पानी काला और चिपचिपा है, जैसे कि वह रक्त से भरा हो। जहाज के चारों ओर अजीब जीव तैर रहे हैं। वे इंसानों जैसे दिखते हैं, लेकिन उनकी आँखें खाली हैं, और उनके शरीर से एक अजीब सी चमक निकल रही है। ये जीव जहाज की ओर बढ़ने लगते हैं, जैसे कि वे उसे अपने कब्जे में लेना चाहते हों।
जहाज के यात्री और क्रू मेंबर डर से चिल्लाने लगते हैं। वे जहाज के अंदर छिपने की कोशिश करते हैं, लेकिन वे जीव जहाज में घुस आते हैं। वे किसी को छूते ही उसे जलाते हैं, जैसे कि उनका स्पर्श ही मौत हो। एक-एक करके सभी यात्री और क्रू मेंबर मरने लगते हैं। उनकी चीखें जहाज के हर कोने में गूँजती हैं।
कप्तान जॉन मैक्कार्थी अंत तक लड़ता है, लेकिन वह भी उन जीवों का शिकार हो जाता है। जहाज पूरी तरह से खाली हो जाता है, सिवाय एक डायरी के, जो कप्तान की केबिन में पड़ी है।
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### **डायरी का रहस्य**
कुछ दिनों बाद, एक मछुआरे को समुद्र में तैरती हुई एक डायरी मिलती है। यह कप्तान जॉन मैक्कार्थी की डायरी है। डायरी के आखिरी पन्ने पर एक संदेश लिखा है:
*"अगर कोई यह डायरी पढ़ रहा है, तो जान लो कि बर्मूडा ट्रायंगल एक पोर्टल है। यह हमें दूसरी दुनिया में ले जाता है, जहाँ मौत ही एकमात्र सच्चाई है। अगर तुम इस पोर्टल में फँस गए हो, तो बचने का केवल एक ही तरीका है। व्हर्लपूल के केंद्र में एक प्रकाश है। उस प्रकाश की ओर तैरो, लेकिन उसे छूना नहीं। अगर तुम उसे छू गए, तो तुम हमेशा के लिए उस दुनिया में फँस जाओगे।"*
डायरी का अंतिम वाक्य अधूरा है, जैसे कि कप्तान ने इसे लिखते-लिखते अपनी जान गँवा दी हो।
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### **अंत**
डायरी आज भी एक रहस्य बनी हुई है। क्या वाकई बर्मूडा ट्रायंगल एक पोर्टल है? क्या वहाँ एक दूसरी दुनिया है, जहाँ मौत का साम्राज्य है? ये सवाल आज भी अनुत्तरित हैं। लेकिन एक बात तय है: जो भी बर्मूडा ट्रायंगल में गया, वह कभी वापस नहीं आया। सिवाय उस डायरी के, जो हमें इस रहस्य के बारे में चेतावनी देती है।
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