**"द स्माइलिंग मैन: ब्लड एंड व्हिस्पर्स इन द डार्क"**
**स्थान:** *मैनेरा एस्टेट, ट्रांसिल्वेनिया, रोमानिया*
**समय:** *31 अक्टूबर, 1897, आधी रात*
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### **प्रस्तावना (डरावनी शायरी):**
*"जब घड़ियाँ बारह बजाएँ और हवा में गूँजे एक अधूरा गीत...
जान लो, वो आ गया है—
वो जिसकी मुस्कान में छुपा है तुम्हारा अंत।"*
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### **कहानी की शुरुआत:**
#### **अध्याय 1: द कर्स्ड एस्टेट**
मैनेरा एस्टेट—एक भुतहा महल, जिसके बारे में कहा जाता था कि यहाँ **"द स्माइलिंग मैन"** का शिकार हुआ करता था। स्थानीय लोगों का मानना था कि यह जगह **शैतान की पसंदीदा प्रार्थनास्थली** थी, जहाँ वह अपने पीड़ितों को **हँसते-हँसते मारता** था।
हॉलोवीन की रात, पाँच मूर्ख युवा—**विक्टर, एलेना, डैमियन, इज़ाबेल,** और **लियोन**—इसी शापित जगह पर घुस आए। उन्हें एक पुरानी डायरी मिली, जिसमें लिखा था:
*"वो हमेशा देख रहा है... और वो हमेशा मुस्कुरा रहा है।"*
तभी **दीवार से खून टपकना शुरू हो गया।**
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### **अध्याय 2: द फर्स्ट व्हिस्पर**
एलेना ने सुना—**कोई उसके नाम को धीमे से पुकार रहा था।**
"कौन है वहाँ?" उसने डरते हुए पूछा।
जवाब में, **एक बच्चे की हँसी** गूँजी।
डैमियन ने अपनी टॉर्च घुमाई—और वहाँ, **छत से उल्टा लटका हुआ एक आदमी** था, जिसका **मुँह बेतहाशा फैला हुआ था**, जैसे किसी ने उसे जबरदस्ती हँसने पर मजबूर किया हो।
*"तुम लोगों को मेरी पार्टी में आने की इजाजत किसने दी?"*
फिर अंधेरा छा गया।
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### **अध्याय 3: द मिरर ऑफ सोल्स**
विक्टर ने एक **टूटा हुआ शीशा** देखा, जिस पर खून से लिखा था:
**"YOUR FACE WILL BE MINE."**
जैसे ही उसने शीशे को छुआ, उसमें **उसका अपना चेहरा धीरे-धीरे मुस्कुराने लगा**—लेकिन वह **विक्टर नहीं था।**
*"मैं तुम्हारी आँखें चुरा लूँगा..."*
अगले ही पल, शीशे से **काले हाथ निकले** और विक्टर को अंदर खींच लिया।
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### **अध्याय 4: द फ्यूनरल ऑफ लाफ्टर**
एक-एक करके सब गायब होने लगे:
- **डैमियन** को **एक लंबी, टेढ़ी उँगली** ने पकड़ लिया। उसकी चीख़ **हँसी में बदल गई** जब तक कि वह **खामोश नहीं हो गया।**
- **इज़ाबेल** ने देखा कि **उसकी परछाई अलग से मुस्कुरा रही है।** फिर परछाई ने उसका गला घोंट दिया।
- **लियोन** ने **द स्माइलिंग मैन** को सीधे अपने सामने खड़ा पाया—**उसके दाँतों के बीच इज़ाबेल की आँखें फँसी हुई थीं।**
*"तुम्हारी बारी है, दोस्त..."*
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### **अध्याय 5: एलेना का अंत**
एलेना अकेली बची थी। वह भागकर **नीचे तहखाने में** पहुँची, जहाँ **सैकड़ों मुस्कुराते हुए चेहरे दीवार पर टँगे थे।**
तभी उसने **पीछे से साँस की आवाज़ सुनी।**
*"शhh... डरो मत। मैं तुम्हें हमेशा के लिए खुश कर दूँगा।"*
एक झटके में, **एलेना का चेहरा फट गया**, और उसकी मुस्कान **अस्वाभाविक रूप से चौड़ी हो गई।**
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### **समापन (डरावना संवाद):**
**स्थानीय अखबार की कतरन (1 नवंबर, 1897):**
*"मैनेरा एस्टेट में पाँच युवाओं की लाशें मिलीं। सभी के चेहरे पर एक ही मुस्कान... जैसे उन्होंने मौत को भी हँसा दिया हो।"*
उसी रात, **एक पादरी** ने महल के बाहर **एक आदमी को खड़े देखा**—वह **असामान्य रूप से मुस्कुरा रहा था।**
पादरी ने पूछा, *"तुम कौन हो?"*
आदमी ने धीरे से जवाब दिया:
*"मैं वो हूँ जो तुम्हारी आँखों के पीछे छुपा है... और मैं तुम्हारी मुस्कान चुरा लूँगा।"*
अगली सुबह, **पादरी का शव** चर्च के दरवाज़े पर मिला—**उसके होंठ सिल दिए गए थे, और उसकी आँखों की जगह केवल खाली गड्ढे थे।**
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### **THE END.**
*(क्या तुमने कभी अंधेरे में किसी की मुस्कान सुनी है? क्योंकि अगर सुनी है... तो वो तुम्हारी अपनी नहीं थी।)* 😈
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