**द साइलेंट ट्विन्स: चुप्पी जुड़वाँ बच्चों की डरावनी कहानी**
यह कहानी है दो जुड़वाँ बच्चों की, जिनका नाम जेनी और जेनिफर गिबन्स था। यह घटना 19वीं सदी के अंत में, 1890 के दशक में, वेल्स के एक छोटे से गाँव ल्लानफाइर में घटी। यह गाँव घने जंगलों और ऊँचे पहाड़ों से घिरा हुआ था, जहाँ हवा में हमेशा एक अजीब सी सन्नाटा छाया रहता था। यहाँ के लोग अंधविश्वासों और रहस्यमय कहानियों में विश्वास रखते थे। ऐसे ही एक रहस्य से जुड़ी थी जेनी और जेनिफर की कहानी।
जेनी और जेनिफर गिबन्स का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता, मार्था और थॉमस गिबन्स, गाँव के सम्मानित लोगों में से थे। लेकिन जेनी और जेनिफर बचपन से ही अजीब थीं। वे कभी बोलती नहीं थीं। उनकी चुप्पी इतनी गहरी थी कि लोगों को लगने लगा कि वे गूंगी हैं। लेकिन असलियत यह थी कि वे बोल सकती थीं, पर चुनती थीं कि नहीं बोलें। उनकी यह चुप्पी उनके लिए एक रहस्य बन गई।
गाँव वालों ने उनके बारे में तरह-तरह की बातें बनानी शुरू कर दीं। कुछ लोग कहते थे कि उन पर भूत-प्रेत का साया है, तो कुछ उन्हें पागल करार देते थे। उनके सौतेले पिता, जॉन, जो एक क्रूर और अत्याचारी व्यक्ति था, उनकी चुप्पी से बहुत चिढ़ता था। वह मानता था कि उनकी चुप्पी उसके परिवार को बदनाम कर रही है। एक दिन, उसने उन्हें गाँव के पास की एक झील में डूबो कर मार डालने का फैसला किया।
एक सर्द रात, जब पूरा गाँव सो रहा था, जॉन ने जेनी और जेनिफर को झील की ओर ले जाया। उसने उन्हें पानी में धकेल दिया और जोर-जोर से चिल्लाने लगा, "अब बोलो! अगर बोल सकती हो तो बोलो!" लेकिन जेनी और जेनिफर ने एक शब्द भी नहीं कहा। वे चुपचाप पानी में डूब गईं। उनकी मौत के बाद, गाँव वालों ने उनकी आत्माओं को झील के आसपास भटकते हुए देखने का दावा किया। कहा जाता है कि उनकी आत्माएं अब भी उस झील के आसपास भटकती हैं और हर उस इंसान से बदला लेती हैं जो शोर मचाता है।
उस रात के बाद से, झील के आसपास का इलाका डरावना माना जाने लगा। लोगों ने वहाँ से अजीब आवाजें सुनने का दावा किया। कुछ ने कहा कि उन्होंने दो सफेद पोशाक पहने हुए लड़कियों को झील के किनारे खड़े देखा, जो चुपचाप उन्हें घूर रही थीं। जो भी वहाँ जाता और शोर मचाता, वह अगले दिन मृत पाया जाता। लोगों का मानना था कि जेनी और जेनिफर की आत्माएं उनसे बदला लेती हैं।
एक बार, एक युवक जो गाँव का रहने वाला था, उसने इस कहानी को झूठा बताया और झील के किनारे जाकर जोर-जोर से गाना गाने लगा। अगले दिन उसका शव झील में तैरता हुआ मिला। उसकी आँखें खुली हुई थीं, और उसके चेहरे पर एक अजीब सा डर था। इस घटना के बाद, गाँव वालों ने झील के आसपास जाना बंद कर दिया।
आज भी, ल्लानफाइर गाँव में जेनी और जेनिफर की कहानी सुनाई जाती है। लोग मानते हैं कि उनकी आत्माएं अब भी उस झील के आसपास भटकती हैं और हर उस इंसान से बदला लेती हैं जो शोर मचाता है। यह कहानी एक चेतावनी है कि कभी भी किसी की चुप्पी को उसकी कमजोरी नहीं समझना चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि उस चुप्पी के पीछे एक डरावना रहस्य छुपा हो।
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