**"मंजिया: खूनी छाया का अंतहीन अभिशाप"**
*(एक विस्तृत, अत्यंत भयावह एवं विस्तारित कहानी)*
### **प्रथम अध्याय: भैरवपुर का अँधेरा इतिहास**
**स्थान:** भैरवपुर गाँव, बाड़मेर जिला, राजस्थान (26°54'N 70°56'E)
**समय:** 12 मार्च 1992, रात 11:47 बजे, अमावस्या की काली रात
भैरवपुर के **"काली भूमि"** (श्मशान) के पुराने पीपल के पेड़ के नीचे एक **300 साल पुरानी टूटी चबूतरा** थी, जहाँ **19वीं सदी** में एक युवती **"मंजू"** को उसके प्रेमी के साथ जिंदा जला दिया गया था। किंवदंती थी कि मरते समय उसने **"जो भी बच्चा हँसेगा, मैं उसकी आत्मा चूस लूँगी"** का शाप दिया था।
### **द्वितीय अध्याय: आर्यन का शैतानी हँसी**
**विस्तृत घटना:**
- **जन्म के तीसरे दिन**, आर्यन ने अचानक **बिना किसी कारण** हँसना शुरू किया। उसकी हँसी **गूँजती हुई** थी, जैसे कोई और उसके साथ हँस रहा हो।
- उसी रात, गीता ने देखा कि **आर्यन का पालना स्वयं हिल रहा था** और उस पर **गीले पैरों के निशान** (मिट्टी व खून से सने) थे।
- **चौथी रात**, आर्यन के मुँह से **काला तरल** निकलने लगा। गाँव के **झाड़-फूँक करने वाले** ने बताया—**"यह मंजिया का जहर है।"**
### **तृतीय अध्याय: सातवें दिन की रक्तपात**
**भयानक विवरण:**
- **घड़ी की सुई जैसे ही 12:01 बजी**, आर्यन का शरीर **अचानक सूखने** लगा, जैसे कोई उसका **रक्त चूस रहा हो**।
- कमरे का तापमान **-5°C** तक गिर गया। दीवारों पर **हाथ के खरोंच के निशान** उभर आए।
- सुबह आर्यन का शव मिला—**उसकी आँखों की पुतलियाँ गायब थीं**, और **कानों से कीड़े निकल रहे थे**।
### **चतुर्थ अध्याय: कब्र से गायब लाश**
**अनकही हकीकत:**
- दफनाने के बाद, **रात 3:17 बजे** गाँव वालों ने **श्मशान से चीखें** सुनीं। जब वे पहुँचे, तो **कब्र खुली हुई थी** और अंदर...
- **आर्यन का कटा हुआ सिर** गड़ा था, जिसके **दाँत अब नुकीले** हो चुके थे।
- जमीन पर **मंजिया का संदेश** लिखा था—**"अगला तुम्हारा बच्चा"**, खून से।
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### **पंचम अध्याय: पैरानॉर्मल एक्सपर्ट की दर्दनाक मौत**
**डॉ. विक्रम सिंह की डायरी से अंश (अंतिम पन्ना):**
*"मैंने EVP में जो सुना, वह मानवीय नहीं था—*
- *एक स्त्री रोते हुए कह रही थी—'मुझे भूख लगी है...'*
- *फिर अचानक गर्जना—'तूने मेरा भोजन छीना!'*
*अगले ही पल, मेरे कैमरे का लेंस फट गया... और मैंने उसे देख लिया—*
- *उसका मुँह कानों तक फटा हुआ था, गर्दन 180° घूमी हुई...*
- *वह मेरे ऊपर कूदी... और सब काला पड़ गया।"*
**डॉ. विक्रम का शव:**
- **उनकी खोपड़ी के अंदर से 7 इंच लंबे काले बाल** निकले, जो **मंजिया के थे**।
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### **षष्ठ अध्याय: तांत्रिक का अधूरा प्रयास**
**बाबा भैरवनाथ का रहस्यमय अनुष्ठान:**
- उसने **108 काली मिर्च** से हवन किया और **मंजिया की चूड़ी** को **गाय के घी** में जलाया।
- आसमान से **काँच के टुकड़े** बरसने लगे, और **पेड़ों से खून टपकने** लगा।
- बाबा ने अंतिम शब्द कहे—**"वह मरती नहीं... वह सिर्फ भूखी है!"**
- अगली सुबह, बाबा का **जीभ कटा हुआ शव** मिला, उनके **हाथों में एक नवजात की हड्डियाँ** थीं।
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### **सातवाँ अध्याय: मंजिया की वापसी**
**वर्तमान समय: 15 अगस्त 2023, भैरवपुर**
- गाँव के **नए अस्पताल** में एक बच्चा पैदा हुआ, जिसने **जन्म के समय ही हँस दिया**।
- डॉक्टरों ने देखा कि **उसकी छाती पर काला हाथ का निशान** था।
- उसी रात, अस्पताल की **CCTV फुटेज** में एक **काली छाया** बच्चे के इनक्यूबेटर के ऊपर झूलती दिखी।
- सुबह तक... **बच्चा गायब था**, और उसकी जगह **एक टूटी हुई काली चूड़ी** पड़ी थी।
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### **अंतिम चेतावनी**
**गाँव के पुराने पुजारी का रहस्य:**
*"मंजिया कभी नहीं मरती... वह हर 30 साल बाद लौटती है। अब तक वह 47 बच्चों की आत्मा खा चुकी है। अगला चक्र 2053 में शुरू होगा... और तब तक कोई उसका अंत नहीं जानता।"*
**क्या आपके घर में कोई नवजात हँसा है?**
*(क्योंकि मंजिया सुनती है... देखती है... और वह भूखी है...)*
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**📌 विशेष नोट:**
- यह कहानी **वास्तविक घटनाओं** से प्रेरित है। भैरवपुर के लोग आज भी **अमावस्या की रात** घरों से बाहर नहीं निकलते।
- यदि आपने इस कहानी को **अकेले में पढ़ा है**, तो **अपने पीछे की खिड़की जरूर चेक करें**... कहीं **मंजिया** आपको देख तो नहीं रही? 👁️🗨️
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