**The Conjuring: The Last Rites**
**अध्याय 1: शुरुआत**
सन 1952, एक वीरान चर्च, न्यू इंग्लैंड। यहाँ एक पादरी, फादर माइकल, देर रात तक प्रार्थना कर रहा था। चर्च के अंदर मोमबत्तियाँ जल रही थीं, लेकिन अंधकार मानो उसे निगलने को आतुर था। तभी एक तेज़ हवा का झोंका आया और मोमबत्तियाँ बुझ गईं। फादर माइकल ने पीछे मुड़कर देखा तो चर्च के दरवाज़े पर एक रहस्यमयी आकृति खड़ी थी।
**अध्याय 2: अज्ञात भय**
फादर माइकल ने धीरे-धीरे उस आकृति की ओर बढ़ना शुरू किया। लेकिन जैसे ही उसने कदम बढ़ाया, उसकी दृष्टि धुंधली होने लगी और उसे एक अजीब-सी फुसफुसाहट सुनाई दी। यह कोई सामान्य आवाज़ नहीं थी, मानो कोई उसे किसी प्राचीन भाषा में कुछ कह रहा हो।
**अध्याय 3: अभिशप्त कलंक**
गाँव के लोग चर्च में घट रही अजीब घटनाओं से भयभीत थे। वे चर्च के पास जाने से कतराते थे। स्थानीय इतिहासकारों के अनुसार, यह चर्च एक पुराने अभिशाप से ग्रसित था। कहा जाता था कि यहाँ सदियों पहले एक पिशाचिन को जिंदा दफना दिया गया था।
**अध्याय 4: वॉरेन दंपति की एंट्री**
यह मामला एड और लोरेन वॉरेन तक पहुँचा, जो पैरानॉर्मल एक्सपर्ट्स थे। उन्हें चर्च की इस भूतिया घटना की जाँच के लिए बुलाया गया। जैसे ही वे चर्च पहुँचे, उन्हें वहाँ एक भारी ऊर्जा का एहसास हुआ। लोरेन ने अपनी शक्ति का उपयोग कर उस आत्मा से संपर्क करने की कोशिश की।
**अध्याय 5: आत्मा का क्रोध**
जैसे ही लोरेन ने अपनी शक्तियों का प्रयोग किया, चर्च की दीवारों पर खून से कुछ लिखावट उभर आई। वह एक चेतावनी थी—"तुम यहाँ से चले जाओ, नहीं तो तुम्हारी आत्मा भी इस जगह कैद हो जाएगी।"
**अध्याय 6: अतीत की छाया**
एड और लोरेन ने स्थानीय लाइब्रेरी में जाकर चर्च के इतिहास को खंगालना शुरू किया। उन्हें पता चला कि 17वीं सदी में इस जगह एक नन, सिस्टर एगाथा, को शैतानी शक्तियों के प्रभाव में आने के कारण मौत के घाट उतार दिया गया था। कहा जाता था कि उसके मरने के बाद उसकी आत्मा चर्च में भटकने लगी थी।
**अध्याय 7: पहली मुठभेड़**
रात के समय एड और लोरेन चर्च में रुके। आधी रात को अचानक चर्च की घंटियाँ बजने लगीं। लोरेन ने जैसे ही चर्च की वेदी की ओर देखा, वहाँ एक भयानक परछाईं खड़ी थी, जिसकी आँखें जलती हुई लाल थीं।
**अध्याय 8: अंतिम संस्कार की आवश्यकता**
लोरेन को एक दृष्टि मिली, जिसमें उन्होंने देखा कि आत्मा शांति चाहती थी, लेकिन उसके अभिशाप को तोड़ने के लिए एक विशेष अनुष्ठान आवश्यक था। यह अनुष्ठान एक विशेष प्रकार की घंटी और प्राचीन ग्रंथों के माध्यम से किया जाना था।
**अध्याय 9: शैतान का प्रकोप**
जैसे ही वॉरेन दंपति ने अनुष्ठान की तैयारी शुरू की, चर्च के अंदर चीज़ें इधर-उधर उड़ने लगीं। फर्श पर दरारें पड़ गईं, और दीवारों से खून टपकने लगा। एड ने महसूस किया कि आत्मा उन्हें अनुष्ठान करने से रोकना चाहती थी।
**अध्याय 10: पादरी का बलिदान**
फादर माइकल, जो इस पूरे घटनाक्रम का गवाह था, समझ गया कि इस आत्मा को मुक्त करने के लिए उसे अपने जीवन का बलिदान देना होगा। उसने चर्च की घंटी बजाई और अंतिम प्रार्थना शुरू की।
**अध्याय 11: निर्णायक घड़ी**
जैसे ही अनुष्ठान पूरा होने को आया, आत्मा भयंकर रूप में प्रकट हुई। लोरेन ने अपनी पूरी शक्ति से मंत्रोच्चारण किया और आत्मा की पीड़ा को महसूस किया।
**अध्याय 12: मुक्ति का क्षण**
आखिरकार, आत्मा ने एक अंतिम चीख के साथ चर्च की वेदी पर जल उठी और गायब हो गई। चर्च में शांति लौट आई, लेकिन एक अजीब सन्नाटा भी पसरा रहा।
**अध्याय 13: वॉरेन दंपति की विदाई**
एड और लोरेन ने चर्च से विदा ली, लेकिन वे जानते थे कि यह उनकी आखिरी लड़ाई नहीं थी। इस घटना ने उन्हें और भी रहस्यमयी जगहों की जाँच करने की प्रेरणा दी।
**अध्याय 14: एक नई शुरुआत**
चर्च को फिर से खोल दिया गया, और गाँव वालों ने वहाँ प्रार्थना शुरू कर दी। लेकिन किसी को नहीं पता था कि क्या वाकई बुरी आत्मा समाप्त हो चुकी थी या वह किसी और रूप में लौटने की प्रतीक्षा कर रही थी।
**अध्याय 15: अंतिम चेतावनी**
चर्च की वेदी पर, जहाँ आत्मा जलकर खाक हुई थी, वहाँ
एक नया संदेश उभर आया—"मैं वापस आऊँगी...!"
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