यह घटना 2017 की है, जब जयपुर के पास एक छोटे से शहर में एक युवा, रोहित, अपने कुछ दोस्तों के साथ एक पुराने गेस्ट हाउस में था। वह एक लेखक, ब्लॉगर और सु
गेस्ट हाउस की रहस्यमयी कहानी
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह गेस्ट हाउस पहले एक अमीर जमींदारी का घर था। 20 साल पहले जमींदार की पत्नी ने अपने दो बच्चों के साथ इस घर में की थी आत्महत्या। इसके बाद, जो भी वहाँ रुका, उसने अद्भुत घटनाओं का सामना किया-कभी रात में किसी के रोने की आवाज़
रात
रोहित और उसके दोस्त इस बात को लेकर विश्वासी हंसी में उड़ते हैं और गेस्ट हाउस में रहने का फैसला करते हैं। रात के करीब 2 बजे, जब वे सभी सोने की कोशिश कर रहे थे, तभी अचानक दरवाजे पर ज़ोर-ज़ोर से
फिर, कमरे के कोने
भूत का प्रकट होना
अचानक, कमरे में सोने के दरवाजे से उड़ने लगी और दीवार पर खून से लिखा- "तुम यहाँ सुरक्षित नहीं हो!"अब एस
अचानक, रोहित का एक दोस्त, सीमा, ज़ोर से चिल्लाने लगी। जब सबने उसकी तरफ देखा, तो पाया कि उसके हाथों पर किसी की नाक से गहरे घाव थे, लेकिन वहां कोई नहीं था। सभी ने हनुमान चालीसा अध्ययन की शुरुआत की। कुछ मिनट बाद, दरवाजा खुला, और वे तुरंत वहां से भाग निकले
अगली सुबह, जब वे सभी गाँववाले सामने आए, तो उन्होंने कहा, "जिस स्त्री ने आत्महत्या की थी, उसकी आत्मा अब भी अपने बच्चों की तलाश में है और जो यहाँ रहती है, उसने अपना शिकार बनाया है।"
भूतिया स्थान की बंद यात्रा के बाद रोहित ने यह घटना बताई। आज भी जब उन्हें यह घटना याद आती है, तो उनके रोंगटे खड़े हो जाते हैं
क्या यह केवल एक ही था, या सच में वहाँ कुछ अदृश्य शक्ति विद्यमान थी?
भूतिया गेस्ट हाउस: जब मौत ने दस्तक दी
इस घटना के बाद रोहित और उसके दोस्तों की जिंदगी पूरी तरह से बदल गई। गेस्ट हाउस में जो हुआ, उसमें उन्हें केवल एक खोखला अनुभव शामिल नहीं था, बल्कि उनके लिए एक ऐसा घाव था
गेस्ट हाउस छोड़ने के बाद
सुबह होते ही, रोहित और उसका दोस्त वापस अपने होटल चले गए। सीमा का हाथ अभी भी सूजा हुआ था और उन चित्रों से खून बह रहा था। उन्होंने सोचा कि शायद ये कोई जानवर होगा, लेकिन ऐसा कोई जानवर है
होटल में ही रोहित ने अपने कैमरे की रिकॉर्डिंग चेक करनी चाही, जो उन्होंने रात में चालू रखी थी। लेकिन जैसे ही उसने कैमरा चालू किया, उसकी स्क्रीन काली हो गई और कैमरा बंद हो गया। जब वह लैपटॉप से वीडियो फाइल की कोशिश करता है, तो उसमें एक महिला का रोना किसी के फुस्सुसाने की आवाजें शामिल होती हैं।
सीमा पर छाया साया
सरहद जो रात में सबसे ज्यादा डरी थी, वो सुबह से ही अजीब व्यवहार करने लगी थी। वह बार-बार कह रही थी, "वह आ रही है... वह पका है..."झील
अगली रात, सीमा ने अचानक ज़ोर से चीखना शुरू कर दिया। जब सब लोग अपने कमरे में दौड़ते थे, तो वह कमरे के कोने में बनी हुई थी, उसकी सुई सफेद हो गई थी, और वह लगातार बुदबुदा रही थी, "तुमने उसे कर दिया है... अब वह हथियार नहीं छोड़ेगी..."
ज़ू का सहारा
डर के मारे, रोहित और उसके दोस्त एक स्थानीय ओझा (तांत्रिक) के पास ले गए। ओझा ने सीमा को देखते ही कहा, "तुम लोग उस आत्मा को परेशान करके आ गए हो। वह अब भी पीछे है।"
इसके बाद, ओझा ने कुछ अनुष्ठान शुरू किया और गंगाजल छिड़का। जैसे ही गंगाजल के छीनते पड़े, झील से चिल्लाने लगी और उसने एक अजीब सी आवाज में कहा, "यह मेरी जगह है... मुझे वहां से जाने को मत कहो..."
अब यह सफा हो चुका था कि सीमा पर किसी शक्ति का साया था। ओझा ने करीब एक घंटे तक का मंत्र और कुछ विशेष पूजा की। धीरे-धीरे दारा सीमा शांत हो गई और फिर चली गई। लेकिन जब वह ठीक हो जाता है तो सबसे पहला सवाल यही पूछता है- "मैं यहां कैसे हूं?" उसे कुछ
डरो सच
ओझा ने बताया कि यह आत्मा जमींदारी की पत्नी थी, जिसने आत्महत्या के बाद किसी बाहरी इंसान को उस घर में नहीं रखा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वे वहां जगह-जगह टकराते हैं, तो उन्हें आत्मा जिंदा मिलती है
जो भी लोग वहाँ रात बिताते थे, वे या तो मानसिक रूप से बीमार हो गए थे या फिर उनकी घाटियों में मृत्यु हो गई थी।
एक आखिरी चेतावनी
रोहित ने इस घटना को अपने ब्लॉग पर लिखना चाहा, लेकिन जैसे ही उसने इसे लिखना शुरू किया, उसकी स्क्रीन बंद हो गई और अचानक एक संदेश सामने आया-
"मैंने कहा था, वापस मत आना..."
क्या यह बस एक इत्तेफाक था? या सच में कोई अदृश्य शक्ति अब भी यू.एन
आज भी जब रोहित इस घटना को याद करते हैं तो उनकी आंखों में डर साफ झलकता है। उन्होंने दावा किया कि अब वह कभी भी ऐसी भूतिया जगह पर नहीं जाएंगी
क्या वह आत्मा अभी भी उस गेस्ट हाउस में भटक रही है, अपने अगले शिकार की तलाश में...?
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