*अध्याय 1: रहस्यमयी रास्ता**
रात का अंधेरा गहरा हो रहा था। आकाश में बादल छाए हुए थे, और चाँद की रोशनी बस कभी-कभार ही धरती को छू पा रही थी। अर्जुन अपनी पुरानी कार में बैठा हुआ था, जो धीमी गति से एक सुनसान सड़क पर चल रही थी। वह अपने गाँव जा रहा था, लेकिन नक्शे के अनुसार यह रास्ता उसे पहले कभी नहीं मिला था। सड़क के दोनों ओर घने जंगल थे, और हवा में एक अजीब सी सनसनी थी। अर्जुन को लगा जैसे कोई उसे देख रहा हो। सड़क का नाम था - **"काला पथ"**।
**अध्याय 2: कार का बंद होना**
अचानक, कार का इंजन खराब हो गया। अर्जुन ने कई बार कोशिश की, लेकिन कार ने चलने से इनकार कर दिया। वह बाहर निकला और इंजन को चेक करने लगा। उसने अपना फोन निकाला, लेकिन नेटवर्क नहीं था। चारों ओर सन्नाटा था, सिवाय हवा के सरसराहट के। अर्जुन ने सोचा कि वह कुछ देर इंतज़ार करेगा, शायद कोई गाड़ी गुजरे और मदद करे।
**अध्याय 3: अजीब आवाजें**
थोड़ी देर बाद, अर्जुन को जंगल से अजीब आवाजें सुनाई देने लगीं। वह आवाजें किसी जानवर की तरह थीं, लेकिन उनमें कुछ अजीब सी मानवीयता थी। अर्जुन का दिल तेजी से धड़कने लगा। उसने अपनी कार के अंदर जाने का फैसला किया, लेकिन जैसे ही वह दरवाज़ा खोलने वाला था, उसने देखा कि कार के चारों ओर कुछ छायाएं घूम रही हैं।
**अध्याय 4: छायाओं का सामना**
अर्जुन ने अपनी कार की लाइट्स जलाईं, लेकिन वे बहुत धुंधली थीं। उसने देखा कि छायाएं धीरे-धीरे करीब आ रही हैं। वे जानवरों की तरह दिखते थे, लेकिन उनकी आँखें इंसानों की तरह थीं। अर्जुन ने अपनी कार के अंदर बैठने का फैसला किया और दरवाज़ा बंद कर दिया। उसने सोचा कि वह सुबह तक इंतज़ार करेगा, लेकिन उसे पता नहीं था कि यह रात उसकी ज़िंदगी की सबसे लंबी रात होने वाली है।
**अध्याय 5: हमला**
अचानक, कार के शीशे पर एक जोरदार धमाका हुआ। अर्जुन ने देखा कि एक विचित्र जानवर ने कार के शीशे पर हमला किया है। उसकी आँखें लाल थीं, और उसके नुकीले दांत चमक रहे थे। अर्जुन ने अपनी कार को स्टार्ट करने की कोशिश की, लेकिन इंजन ने जवाब नहीं दिया। वह घबरा गया और अपने आसपास कुछ भी ढूंढने लगा जिससे वह खुद को बचा सके।
**अध्याय 6: जंगल में भागना**
अर्जुन ने देखा कि कार के चारों ओर और भी जानवर इकट्ठा हो रहे हैं। उसने फैसला किया कि वह कार छोड़कर जंगल में भागेगा। वह तेजी से दरवाज़ा खोलकर बाहर निकला और जंगल की ओर भागने लगा। पीछे से उसे जानवरों की दहाड़ सुनाई दे रही थी। वह बिना रुके भागता रहा, लेकिन जंगल का अंधेरा और घना होता जा रहा था।
**अध्याय 7: रहस्यमयी झोपड़ी**
भागते-भागते अर्जुन को एक छोटी सी झोपड़ी दिखाई दी। वह उसकी ओर दौड़ा और दरवाज़ा खटखटाया। कोई जवाब नहीं मिला। उसने दरवाज़ा खोला और अंदर चला गया। झोपड़ी के अंदर एक मोमबत्ती जल रही थी, और वहाँ एक बूढ़ा आदमी बैठा हुआ था। उसकी आँखें बंद थीं, और वह ध्यान में लगा हुआ था। अर्जुन ने उसे अपनी कहानी सुनाई, लेकिन बूढ़े आदमी ने कोई जवाब नहीं दिया।
**अध्याय 8: बूढ़े आदमी का रहस्य**
अर्जुन ने बूढ़े आदमी से पूछा कि क्या वह उसकी मदद कर सकता है। बूढ़े आदमी ने आँखें खोलीं और अर्जुन की ओर देखा। उसकी आँखें खाली थीं, जैसे उसमें कोई जान न हो। बूढ़े आदमी ने कहा, "तुम यहाँ नहीं रह सकते। यह जगह तुम्हारे लिए नहीं है।" अर्जुन ने पूछा कि वह क्या करे, तो बूढ़े आदमी ने कहा, "जाओ, और कभी वापस मत आना।"
**अध्याय 9: वापसी का सफर**
अर्जुन ने बूढ़े आदमी की बात मानी और झोपड़ी से बाहर निकल गया। वह जंगल में भागता रहा, और किसी तरह वह उस सड़क पर वापस आ गया जहाँ उसकी कार खड़ी थी। जानवर गायब हो चुके थे, और हवा में सन्नाटा था। अर्जुन ने कार को स्टार्ट करने की कोशिश की, और इस बार इंजन ने जवाब दिया। वह तेजी से वहाँ से निकल गया, और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
**अध्याय 10: सच्चाई का पता चलना**
कई सालों बाद, अर्जुन ने उस रात के बारे में सोचा। उसने उस जगह के बारे में पता लगाने की कोशिश की, लेकिन कोई भी उस सड़क के बारे में नहीं जानता था। एक दिन, उसे एक पुराने अखबार में एक खबर मिली। उसमें लिखा था कि कई साल पहले, एक सड़क पर कई लोग गायब हो गए थे, और उनका कोई पता नहीं चला। अर्जुन ने महसूस किया कि वह उसी सड़क पर था, और वह जानवर वास्तव में इंसानों को नोचने वाले राक्षस थे। उसने फैसला किया कि वह कभी भी उस रास्ते पर नहीं जाएगा, और उस रात की यादें उसे हमेशा सताती रहेंगी।
**समाप्त**
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