अध्याय 1: रहस्यमयी हवेली
राजस्थान के एक छोटे से गाँव कोटड़ी मभूत-प्रेत का साया है। लोगों का दावा है कि वे किसी आत्मा को एक रहस्यमयी कैमरा देते हैं
1998 में, एक कंपनी विनी अग्रवाल ने वैष्णवधनियां और अंधविश्वासों कोसंध्या, बेटाराहुल (15 वर्ष) और बेटी **प्रियंकावाहन पर प्रीवेशन (12 वर्ष) के साथ
जैसे ही वे क्षेत्र की हवेली में, उन्हें एक अजीब एहसास हुआ। हवेली के सबसे बड़े कमरे में एक विशाल काला शीशा लगा था, जिसे देखने में अच्छा लगता था कि हॉलीवुड और रहस्यमयी था।
अध्याय 2: पहली अजीब घटना
पहली रात सब कुछ सामान्य रहा, लेकिन दूसरी रात कुछ आश्चर्यजनक हुआ। प्रियांक आधी रात को माँ के पास दौड़ती हुई आई और काँपते हुई बोली-
"माँ, मैंने टाइल्स में किसी को देखा!"
संध
तीसरी रात, जब साम्हना कांच के सामने खड़ा था, तो उसने अपने धुरे पर ध्यान से देखा। अचानक, लगा कि उसकी तस्वीरें चमक रही हैं, जबकि वह स्वयं गंभीर था! वह घबरा गया, परन्तु उसे जान पड़ा, कि कदाचित यह उसी का है।
अब हवेली में अद्भुत
रात में अँधेरे में काली धुएँ जैसी दिखती हैं
ऐसा लगता है कि किसी प्रियजन और राहुल में उनका नाम लिखा हुआ है।
कभी-कभी किसी और काडिटोरियल में, लेक
अध्याय 3: डर का साया
एक रात, विनी और गहरी नींद में थे, जब मशालों से अंधेरे जैसे स्कोलर चले गए। अजीब रूढ़ियाँ बन रही हैं
अब साक्षी को दीवाली लगी। वह गांव के पुजारी जी और पूरे शिष्यों के बारे में बात करते हैं। पुजारी
"यह शीशा शापित है। इसमें एक आत्मा की किताब है, जिसमें कई साल पहले काला जादू बंद किया गया था।"
उन्होंने सलाह दी कि फिल्म को तुरंत घर से हटा दिया जाए, लेकिन इसे तोड़ने की गलती न की जाए।
अध्याय 4: हवेली का रहस्य
विनी ने कहा कि 100 साल पहले यह हवेली एक पुरातन 'भैरवनाथ' की थी।
गांव वालों का कहना था कि भैरवनाथ ने काले जादू से इस कांच की शीशी को चुरा लिया था और उसने खुद को इसी तरह के आमिर में डाल दिया था
यह भी कहा जाता है कि जब भी किसी ने इस फिल्म को निकालने का प्रयास किया, तो वह रहस्यमय तरीके से कोलोराडो में मारा गया।
अब व
अध्याय 5: आतंक का चरम
एक रात, राहुल नाटकीय अलौकिक स्क्रीम पेड। जब फ़ैमिली रेसकर ने अपने कमरे में प्रवेश किया, तो देखा कि फ़ी की ओर से स्थिरता के हाथ रखे गए थे और कांप रहा था।
फिल में एक आदमी की शक्ल उभरती रही थी- लंबे बाल, जलती हुई जगह और एक डरावनी मुस्कान।
प्रियंका ने अचानक कहा, "वो बाहर आना चाहता है!"
अब विनी ने फैसला लिया कि इस रास्ते से हटना ही होगा।
अध्याय 6: ग्लास का अंत
पुजारी जी ने गृह मंत्र ज्ञान पढ़ना शुरू किया। शीशा फास्ट से हिलने लगा और समोच पेंटिंग स्टॉक।
अचानक एक काली धु जैसे परछाई बाहर और हवेली में अँधेरा छा गया कोई भी इधर उधर घूमता हो।
पुजारी जी ने हनुमान चालीसा प्रवचन और गंगाजल छिड़का शुरू किया। अचानक चमकने वाली चटककर हजारों की संख्या में टुकड़े-टुकड़े हो गए और हवेली में
फेल के टूटते ही हवेली शांत हो गई।
अध्याय 7: हवेली का विवरण
अब हवेली में नहीं होती थी कोई अजीब घटना। विनी उनका और परिवार जल्द ही शहर में दिखाई दिया। रीटेल ने उस कमरे को हमेशा के लिए बंद कर दिया।
आज भी, जब कोई उस हवेली के पास से झलकता-जुलता है, तो रात के समय किसी के द्वारा हंसी-मजाक की बातें कही जाती हैं...
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यह कहानी सत्य घटना पर आधारित है, लेकिन इसकी सत्यता का कोई प्रमाण नहीं है। लेकिन एक बात तय है—अगर आपको कभी कोई पुराना, रहस्यमयी शीशा मिले, टी
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