### ** भूतिया अस्पताल: एक ख़तरनाक सच्चाई **
#### **अध्याय 1: अस्पताल की सुविधाएँ**
भारत के उत्तर प्रदेश में स्थित **कालीगढ़ अस्पताल** एक समय क्षेत्र का सबसे प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान था। परंतु, एक दुर्घटना के बाद यह अस्पताल वीरान और भूतिया हो गया। 15 साल पहले, अस्पताल में एक भयानक आग लगी थी, जिसमें डॉक्टर **अरविंद शर्मा**, नर्स **संगीता**, और कई मरीज़ जिंदा जल गए थे। इस घटना के बाद अस्पताल बंद कर दिया गया, लेकिन आसपास के ग्रामीणों का कहना था कि रात के समय वहां चीख-पुकार और अजीब-गरीब परछाइयां दिख रही थीं।
#### **अध्याय 2: पांच दोस्तों की जिज्ञासा**
शहर में रहने वाले **विक्रम, अजय, नोज़, बोरा** और **पूजा** ने सुना कि कालीगढ़ अस्पताल में जाने वाले लोग कभी बाहर नहीं निकलते। उनकी जिज्ञासा बढ़ गई और उन्होंने तय किया कि वे इस रहस्य की सच्चाई जानेंगे।
#### **अध्याय 3: ख़तरनाक यात्रा**
रात के 12 बजे, पांचों दोस्त अस्पताल पहुंचे। दरवाज़े पर जंग लगा था और अंदर अजीब अजीब पसरा था। हवा भी इतनी विलक्षण थी कि ऐसा लगता था जैसे कोई अदृश्य शक्ति चारों ओर घूम रही हो। विक्रम ने शिलालेख से आगे का रास्ता दिखाया, लेकिन उसी समय अस्पताल के दरवाजे बंद हो गए।
#### **अध्याय 4: परछाइयों का डर**
जैसे ही वे अंदर गए, नेहा को ऐसा लगा कि कोई उनके पीछे चल रहा है। अचानक, एक चित्रकर्ता खुद-ब-खुद दौड़ गया। पूजा चिल्लाई और बोली, **"हमें यहां से निकलना चाहिए!"** लेकिन दरवाजा पहले ही बंद हो गया था।
#### **अध्याय 5: ऑपरेशन थिएटर का राज**
वे आगे बढ़े और एक कमरे में बने रहे। यह हॉस्पिटल का ऑपरेशन थिएटर था। आप अचानक वहां रुक गए, और कमरे में एक भयानक चीख गूंजने लगी। अजय ने किसी की मेज पर परछाई देखी, लेकिन वहां कुछ नहीं था!
#### **अध्याय 6: डॉक्टर अरविंद की आत्मा**
सौरभ ने ऑपरेशन थिएटर के पुराने डिवीजन को शुरू किया। उन्होंने देखा कि डॉक्टर अरविंद की आत्मा की चित्र दीवार पर बनी हुई है, और लिखा था, **"मैं यहां हूं... तुम बच नहीं सकते!"** उसी हवा में एक तेज धार आया और सभी दोस्त ज़मीन पर गिर पड़े।
#### **अध्याय 7: नोज़ का खो जाना**
अचानक नोज़ की चीख। जब दोस्तों ने पीछे मुड़कर देखा, तो न्योता वहाँ नहीं था! वे उसे ढूंढने लगे, लेकिन उसका कोई निशान नहीं मिला। विक्रम ने मशाल से अंधेरे तट में रोशनी की मूर्तियां निकालीं, और वहां एक खून से सना हुआ सफेद कोट चढ़ाया गया था।
#### **अध्याय 8: आखों की चाल**
अब तक सभी को पूरा यकीन हो गया था कि यह अस्पताल शापित है। तभी एक कोने से आती करहने की आवाज़ ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। जब वे पास गए, तो उन्होंने देखा कि नोज़ ज़ीमिन पर रसायन पड़ा था, और उसके शरीर पर उत्तेजना के गहरे निशान थे, जैसे किसी ने उसे घसीटा हो।
#### **अध्याय 9: दण्ड की चेष्टा**
सभी दोस्त सामूहिक दरवाजे की ओर भागे, लेकिन अस्पताल ने उन्हें नहीं छोड़ा। दीवारों से खून टपकने लगा और छत से लटके पिज्जा-ज़ोर से घूमने लगा। एक आत्मा की आवाज़ गूंजी, **"तुम यहाँ से बचकर नहीं जा सकते!"**
#### **अध्याय 10: अंतिम प्रवास**
अचानक विक्रम को याद आया कि उन्होंने मंदिर में सुना था कि अगर कोई हनुमान चालीसा पढ़ता है, तो बुरी आत्माएं दूर हो जाती हैं। पूजा ने ज़ोर से चालीसा पढ़ाई शुरू की, और देखते ही देखते अस्पताल की कोठरी हिलने की दुकान। अचानक हुआ एक विस्फोट, और अस्पतालों की खिड़कियाँ चकनाचूर हो गईं। जब वे निश्चित अपराधी थे, तो वे अस्पताल के बाहर थे।
लेकिन जब उन्होंने पीछे मुड़कर देखा, तो अस्पताल वहां नहीं था... वह पूरी तरह से भुगतान कर चुके थे!
### **निष्कर्ष**
आज भी कोई नहीं जानता कि कालीगढ़ अस्पताल का रहस्य क्या था, लेकिन विक्रम और उसके दोस्तों का मानना था कि उसे किसी अदृश्य शक्ति का सामना करना पड़ा था। उस रात के बाद वे कभी भी उस जगह वापस नहीं गए।
**क्या आप कभी ऐसे अस्पताल में जाने की हिम्मत करेंगे?**
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