कहानी: रक्तपिशाच की गुफा
गाँव के किनारे एक घने जंगल में एक पुरानी और डरावनी गुफा थी। लोगों का मानना था कि वह गुफा किसी अंधेरी शक्ति का घर है। गाँव वाले उस गुफा के आसपास जाने से डरते थे, क्योंकि रात के समय वहाँ से अजीब आवाज़ें आती थीं। कुछ लोगों ने दावा किया था कि उन्होंने एक लंबे, पतले और खून से सने शरीर वाले प्राणी को देखा था, जो रात में गुफा से निकलता था और फिर सुबह होने से पहले वापस चला जाता था। उस प्राणी को लोग "रक्तपिशाच" कहते थे।
रात का शिकार
एक रात, गाँव का एक युवक, राहुल, जो अपने दोस्तों के साथ शरारत करने का शौकीन था, ने गुफा के रहस्य को जानने का फैसला किया। उसके दोस्तों ने उसे मना किया, लेकिन राहुल नहीं माना। वह एक मशाल लेकर अकेले ही गुफा की ओर चल पड़ा।
गुफा के अंदर अंधेरा और सन्नाटा था। हवा में एक बदबू थी, जैसे सड़े हुए मांस की। राहुल ने मशाल की रोशनी में गुफा की दीवारों पर अजीब निशान देखे। वे निशान खून के थे, जो ऊपर से नीचे की ओर बहते हुए लग रहे थे। अचानक, उसे एक आवाज़ सुनाई दी। वह आवाज़ धीमी और डरावनी थी, जैसे कोई रेंग रहा हो।
राहुल ने पीछे मुड़कर देखा, लेकिन वहाँ कुछ नहीं था। फिर उसने एक और आवाज़ सुनी, इस बार वह आवाज़ उसके बिल्कुल पास से आ रही थी। उसने मशाल ऊपर उठाई और देखा... एक लंबा, पतला प्राणी, जिसकी आँखें लाल थीं और चेहरा पीला और बदसूरत। उसके नुकीले दाँत खून से सने हुए थे। वह प्राणी धीरे-धीरे राहुल की ओर बढ़ रहा था।
राहुल ने चिल्लाने की कोशिश की, लेकिन उसका गला सूख गया। वह पीछे हटने लगा, लेकिन उसका पैर फिसल गया और वह गिर पड़ा। मशाल जमीन पर गिरी और बुझ गई। अंधेरे में, राहुल ने महसूस किया कि वह प्राणी उसके ऊपर झुक रहा है। उसने अपनी गर्दन पर एक ठंडा स्पर्श महसूस किया, और फिर... सब कुछ अंधकार में डूब गया।
दिन का रहस्य
अगली सुबह, गाँव वालों ने राहुल को गुफा के पास बेहोश पाया। उसके गले पर दो गहरे निशान थे, जैसे किसी ने उसे काट लिया हो। राहुल को गाँव ले जाया गया, लेकिन वह कुछ बोल नहीं पा रहा था। उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी, जैसे वह किसी और ही दुनिया में हो।
उसी दिन, गाँव के एक बुजुर्ग ने बताया कि यह गुफा एक रक्तपिशाच का घर है। वह प्राणी रात में इंसानों का खून पीता है और दिन में गुफा में सोता है। उसने यह भी कहा कि जिसे भी रक्तपिशाच काटता है, वह धीरे-धीरे उसी की तरह बन जाता है।
अंत की शुरुआत
कुछ दिनों बाद, राहुल का व्यवहार बदलने लगा। वह दिन में सोता और रात में बाहर निकलता। गाँव वालों ने देखा कि वह अजीब तरह से चलता है, जैसे कोई भूत। एक रात, गाँव के कुछ लोगों ने राहुल को जंगल की ओर जाते देखा। वे उसके पीछे-पीछे चले गए और देखा कि वह उसी गुफा में जा रहा है।
गुफा के अंदर, उन्होंने देखा कि राहुल और वह रक्तपिशाच साथ बैठे हैं, जैसे वह उसका नया शिकार हो। गाँव वालों ने गुफा का मुंह बंद कर दिया और उसमें आग लगा दी। गुफा से चीखों की आवाज़ें आईं, लेकिन कुछ ही देर में सब शांत हो गया।
कहानी का सबक
गाँव वालों ने सोचा कि उन्होंने रक्तपिशाच को खत्म कर दिया है, लेकिन कुछ हफ्तों बाद, फिर से लोगों के गायब होने की खबरें आने लगीं। लोगों ने देखा कि रात में एक छाया गाँव के आसपास घूमती है, और उसकी आँखें लाल चमकती हैं। शायद रक्तपिशाच अभी भी जिंदा था, या फिर... राहुल अब उसी में बदल चुका था।
तब से, गाँव वाले रात के समय घरों से बाहर नहीं निकलते। और वह गुफा आज भी वहाँ है, जैसे किसी का इंतज़ार कर रही हो...
~ समाप्त ~
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