अध्याय 17: खुला साया **
अर्जुन को पता चला कि वह बदल रहा था। उसकी परछाई अब खुद-ब-खुद हिलने लगी थी। जब वह खाना बनाता है तो उसके पीछे की ओर आश्चर्यजनक मूर्तियां दिखाई देती हैं। मीरा ने उनसे मिलने की कोशिश की, लेकिन अर्जुन ने दरवाजा नहीं खोला। --- ### **
अध्याय 18: कहानियाँ **
रात के अँधेरे में अर्जुन को फुसफुसाते देखा। "वह वापस आ रहा है... तुम उसे रोक नहीं सकते..." अर्जुन ने बाहर झाँका, लेकिन वहाँ कुछ भी नहीं था। मगर जब सिर उसने कुरेया, तो उसकी किताब उसके सामने मेज़ पर खुली हुई थी। --- ### **
अध्याय 19: दूसरी दुनिया का दरवाजा **
मीरा ने अगले दिन अर्जुन को फोन किया, लेकिन उसकी आवाज दूसरी हो गई। "मैं ठीक हूं, मीरा... बाकी मुझे मत आना..." मीरा घबरा गई और तुरंत अपने घर पहुंच गई, लेकिन अर्जुन लापता हो गया। बस उसकी परछाई दीवार पर टंगी हुई थी, मानो किसी और दुनिया का दरवाजा खोला गया था। --- ### **
अध्याय 20: श्राप की जड़ें **
मीरा ने लाइब्रेरी लाइब्रेरी को पुरानी किताब के बारे में बताया और पढ़ाई की। पता चला कि यह किताब किसी सामान्य श्राप की नहीं, बल्कि उसे अन्य आयामों में ले जाने के लिए बनाई गई थी। जो इसे बनाता है, वह धीरे-धीरे-दारा-दारा-दादी खुद की किताब का हिस्सा बन जाता है। --- ### **
अध्याय 21: अर्जुन की पुकार **
रात में मीरा को अर्जुन की आवाज़ सुनाई दी। "मीरा, मुझे बचाओ! मैं एक भूल भुलैया में भटक रही हूं... यहां हिल नहीं रही... यहां अंधेरा है..." मीरा को समझ आ गया कि अर्जुन ने उसे बचाने के लिए फ्रेंड फाइनल मंत्र की किताब पढ़ी है। --- ### **
अध्याय 22: अंतिम मंत्र **
मीरा ने किताब और मंत्र की पढ़ाई शुरू की। हवा में हलचल हुई, ऑफिस का कमरा, और एक रोशनी का दरवाजा खुला। वह इग्लिट्कर दरवाजे के अंदर की सीढ़ी रैक। --- ### **
अध्याय 23: दूसरी दुनिया का राज **
मीरा ने खुद को एक विशाल, वीरान महल में पाया। हर तरफ छाया घूमती रही थी, और अर्जुन एक जंजीरों में बंधा हुआ था। उसकी दुकान सफेद हो गई थी, और वह किसी तरह की सहमति बना रही थी। --- ### **
अध्याय 24: अंतिम युद्ध **
मीरा ने मंत्र को पूरा पढ़ने की कोशिश की, लेकिन इसमें एक काली छाया भी दिखाई दी। "तुमने हमें जगाया है...अब तुम भी पढ़ोगी-लिखी होगी..." मीरा ने नहीं कहानी हरी और पूरा मंत्र जोर से पढ़ा। छाया ने चिल्लाते हुए अर्जुन को छोड़ दिया, और पूरा महल हिलने लगा। --- ### **
अध्याय 25: श्राप का अंत? **
अर्जुन और मीरा असली दुनिया में लौट आए। किताब जल रही थी, और उसकी राख हवा में उड़ गई। अर्जुन की परछाई अब सामान्य थी। दोनों ने राहत की सांस ली, लेकिन साथ ही... --- ### **
अध्याय 26: एक नई शुरुआत ?**
मीरा के घर के महीने में एक नई पुस्तक पढ़ी गई, जिसका शीर्षक था: "हैवानी पुस्तक: दूसरा अध्याय।" मीरा ने अर्जुन की तरफ देखा, और दोनों को एहसास हुआ कि यह खत्म नहीं हुआ था। (समाप्त या एक नई शुरुआत?)
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